कुष्ठ रोग से बचने के लिए ऐसे संक्रमित मरीज से बचना जरूरी है जिन्होंने अपना इलाज न करवाया हो। रोग का जल्दी निदान सही इलाज के लिए महत्वपूर्ण होता है। जल्दी इलाज शुरू होने से उत्तकों को क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सकता है। रोग को फैलने से रोका जा सकता है और गंभीर जटिलताओं से बचा जा सकता है। अगर रोग की अडवान्स्ड अवस्था में निदान हो तो मरीज अपंग हो सकता है, उसके शरीर के विभिन्न अंगों में विरूपता आ सकती है। इसलिए जल्दी निदान इलाज का सबसे अच्छा तरीका है।
(लेखिका जेपी हॉस्पिटल, नोएडा में कन्सलटेन्ट डर्मेटोलोजिस्ट हैं। ये लेखिका के निजी विचार हैं।)