पॉसिबेसिलरी लेप्रोसी में मरीज को 6 महीनों के लिए डेपसोन और रिफाम्पिसिन पर रखा जाता है। वहीं मल्टीबेसिलरी लेप्रोसी के इलाज में 12 महीनों तक मरीज को रिफाम्पिसिन, डेपसोन और क्लोफाजिमिन पर रखा जाता है। इसके अलावा कई अन्य एंटीबायोटिक दवाएं भी दी जाती हैं। पिछले 20 सालों में रोग के 1.6 करोड़ मरीजों का इलाज किया जा चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन कुष्ठ रोग के लिए मुफ्त इलाज उपलब्ध कराता है।