हेल्थ डेस्क: भाग-दौड़ भरी लाइफ में हमारे पास इतना समय नहीं होता है कि हम खुद के लिए जरा सा भी समय नहीं होता है। जिसके कारण कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है। मोटापा, ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक तो आज के समय में नार्मल बीमारियां हो गई है।
ये भी पढ़े
- बिना सप्लीमेंट खाएं ऐसे बढ़ाएं आसानी से अपना वजन
- जानिए सूर्य नमस्कार करना किस समय है सबसे बेहतर सुबह या शाम
- सिर्फ 2 मिनट अपने अंगूठें में मारे फूंक, फायदे जान हैरान रह जाएंगे आप
- भूलकर भी न छुएं शरीर के इन 7 अंगो को, हो सकता खतरनाक
कई बीमारियां ऐसी होती है कि वह हमें संकेत तो देती है, लेकिन हमारे पास इतना समय नहीं होता है कि इस पर इतना ध्यान दें। जिसके कारण वह समस्या आगे चलकर बड़ी बीमारी का रुप लेलेती है। इसी में एक समस्या है। पैरों की हड्डियों से आवाज आने की। जी हां जब आप अपने घुटनों को मोड़ते हैं तो चटकने या टूटने जैसी हल्की आवाजें सुनाई देती हैं। यह घुटने के शुरुआती आस्टियोआर्थराइटिस से ग्रसित होने का संकेत है।
आस्टियोआर्थराइटिस एक तरह का गठिया रोग है, जिसमें हड्डियों के सिरों पर लचीले ऊतकों की संख्या कम हो जाती है। घुटनों के जोड़ों पर मौजूद कार्टिलेज धीरे-धीरे खत्म हो जाता है। जैसे ही क्षतिग्रस्त घुटने का जोड़ गति करता है इससे टूटने या चटकने जैसी आवाजें आती हैं, जिसे घुटने की चरचराहट कहते हैं। यह आवाजें घुटने में अक्सर होती हैं और आमतौर पर दर्द नहीं देतीं।
अमेरिका के ह्यूस्टन स्थित बेलोर कॉलेज ऑफ मेडिसिन के सहायक प्रोफेसर ग्रेस लो के अनुसार, "ऐसे लोग जिनमें आस्टियोअर्थराइटिस के लक्षण होते हैं, वे जरूरी नहीं है कि दर्द की शिकायत करें। इन लोगों में दर्द के विकास को रोकने के लिए कोई खास रणनीति नहीं है।"
लो के अनुसार, ऐसे व्यक्ति जिनके घुटनों से आवाजें नहीं आतीं उनकी तुलना में घुटने से आवाज वाले लोगों में दर्द पैदा होने का खतरा ज्यादा होता है। चटकने या टूटने जैसी आवाजों के साथ दर्द का होना एक समस्या की तरफ इशारा है।