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खर्राटें आने के हो सकते है ये कारण, अपनाएं ये बेहतरीन उपाय

खर्राटों का कारण होता है खुले मुंह से सांस लेना और जीभ एवं टॉन्सिल के पीछे की सॉफ्ट पैलेट में कंपन होना। इस वजह से खर्राटे की आवाज पैदा होती है। खर्राटे से केवल आवाज ही पैदा नहीं होती बल्कि यह एक स्वास्थ्य समस्या है और इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

India TV Lifestyle Desk
Published on: March 14, 2017 13:52 IST
Snoring - India TV Hindi
Snoring

हेल्थ डेस्क:  हम फिट रहने के लिए क्या नहीं करते हैं। लेकिन हमारी लाइफस्टाइल के कारण हमें पूरी तरीके से फिट नहीं रह पाते है। इन्हीं समस्या में एक समस्या है खर्राटों की। जिसमें हम तो आराम से सोते है लेकिन साथ वाले की नींद हराम कर देते है। साथ ही यह एक गलत आदत भी है।

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ऐसे लाखों लोग हैं, जिनके लिए खर्राटा मजाक या हंसी की बात नहीं है। खर्राटा एक सामान्य समस्या है जो पुरुष और महिला दोनों में पाई जाती है। इससे हमें कई मौकों पर शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है।

खर्राटों का कारण होता है खुले मुंह से सांस लेना और जीभ एवं टॉन्सिल के पीछे की सॉफ्ट पैलेट में कंपन होना। इस वजह से खर्राटे की आवाज पैदा होती है। खर्राटे से केवल आवाज ही पैदा नहीं होती बल्कि यह एक स्वास्थ्य समस्या है और इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इस बारे में जानकारी देते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल का कहना है, "स्लीप एप्निया के साथ या बिना खर्राटे लेना एक गंभीर स्वास्थय समस्या है और इसे केवल शोर से होने वाली परेशानी समझ कर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, इसे एक असली स्वास्थ्य समस्या मानना चाहिए।"

उन्होंने कहा, "खर्राटे विचलित नींद का संकेत होते हैं, जो अनेक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं। इसके कुछ कारण बहुत हल्के होते हैं, जिन्हें सोने की करवट या शराब के सेवन की आदत में बदलाव कर बदला जा सकता है।"

डॉ अग्रवाल बताते हैं, "ऑब्स्ट्रक्टिव एप्निया का इलाज न हो तो हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है, जिससे दिल का आकार बड़ा हो जाता है। दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। स्लीप एप्निया से पीड़ितों को कार्डियक अरहायथमायस, ज्यादातर आर्टियल फिब्रिलेशन होने का खतरा अत्यधिक रहता है।"

उन्होंने कहा, "इसमें जीवनशैली की आदतें अहम भूमिका निभाती हैं, जिन्हें कारगर तरीके से सुधारा जा सकता है। शराब का सेवन, धूम्रपान और कुछ दवाएं गले की मांसपेशियों को आराम देते हैं, जिससे गले का मांस ढीला हो कर सांस का प्रवाह रोक देता है। धूम्रपान से नाक के मार्ग और गले की मांसपेशियों में जलन भी होती है, जिससे सूजन आ जाती है, जो सांस लेने मे बाधा बनती है।"

अगली स्लाइड में पढ़े कारण और बचने के उपाय

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