इसी तरह आयुर्वेद में माना जाता है कि आग जलेगी तो खाना पचेगा, खाना पचेगा तो उसका रस बनेगा। जो रस बनेगा तो उसी रस से मांस, मज्जा, रक्त, वीर्य, हड्डिया, मल,मूत्र और अस्थि बनेगा और सबसे अंत मे मेद बनेगा। ये तभी होगा जब खाना पचेगा।
इसलिए कहा गया है कि अगर आप अपने सेहत को लेकर छोटी-छोटी बातें याद रखेगे तो आप कभी भी बीमार नहीं हो सकते है। यदि आपने थोड़ी सी लापरवाही बरती तो आप आसानी से किसी भी बीमारी की चपेट में आ सकते है।
साइंस से परे प्राचीन युग से भारतीय चिकित्सिक दुनिया की ढाल बने आयुर्वेद के अनुसार खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीना जहर माना जाता है। खाना खाने के बाद पानी पीने से जठराग्नि समाप्त हो जाती है। जठराग्नि अमाशय की वो ऊर्जा है जो हमारे खाए हुए खाने को पचाने का काम करती है।
यह ऊर्जा हमारे भीतर होना बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यदि धीरे-धीरे यह ऊर्जा समाप्त हो जाती है तो हमारे द्वारा ग्रहण किया गया भोजन पच नहीं पाता है। खाना नहीं पचने की वजह से वो अमाशय में ही सड़ने लग जाता है और इससे गैस, एसिड बनना शुरू हो जाता है। जोकि आपके लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है। इसलिए कभी भी खाना काने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए।
हमेशा खाना खाने के आधा घंटे पहले और खाना खाने के 2-3 घंटे बाद ही पानी पीएं। तभी पाचन शक्ति मजबूत रहती है। जिससे आपको पेट संबंधी कोई समस्या भी नहीं होगी।
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