हेल्थ डेस्क: आपके साथ अक्सर ऐसा होता होगा कि आप कही पर ज्यादा देर बैठे रहे या फिर पैर को लटका कर बैठे हो और एकदम से आपके पैर में झुनझुनाहट होने लगती है। जैसे कि पैर में चीटियां रेंग रही है। जोकि बहुत ही कष्टकारक होता है।
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उस समय न तो आपका पैर सीधे होता न कुछ यहां तक की उसे सहारा देकर ही एक स्थान से दूसरे स्थान में रखते है। जिसके कारण आपकी किसी भी काम में मन नही लगता है। लेकिन कुछ समय बाद ही यह सही हो जाता है। आपके दिमाग में ये नही आता है कि आखिर ऐसा क्यों होता है। जिसके कारण पैर सो जाता है। जानिए इसके पीछे का कारण।
- इसको लेकर कुछ लोगों का मानना है कि पैरेस्थेसिया में पैरो के सोने से उसमें सुस्त, झुझुनाहट आदि होती है। जैसे पैरो में पर्याप्त रुप से ब्लड के न पंहुचने के कारण होता है। लेकिन वास्तव में देखा जाए तो आपके पैर तंत्रिकाओं के कारण सोते है। नर्वस आपके शरीर में चलने वाले छोटे तारों की तरह होते है। नर्वस आगे और पीठे आपके ब्रेन और शरीर के कई हिस्सों को कुछ मैसेज देता है।
- अगर आप लंबे समय तक किसी पैर के सहारे बैठे रहते है तो उस हिस्से की नर्वस बद जाती है। इसी तरह हमारी बॉडी के अधिकतर भागों में हो जाता है। जिसके कारण ऐसा होता है।
- ये नर्वस कोशीय फाइबर से बनी होती है और प्रत्येक एक कोशीय फाइबर अलग-अलग संवेदनाओ को दिमाग तक पंहुचाने का काम करता है। इस फाइबरों की मोटाई भी कम और ज्यादा होती है। इसका मुख्य कारण माइकिन नामक सफेद रंग के पदार्थ से बनाई गई झिल्ली है। जब इन पर दवाब पडता है को दिमाग तक नसो द्वारा आक्सीजन और खून का संचरण नहीं हो पाता हैष इस कारण वहां संवेदना महसूस नहीं होती है। जिससे आपको वो अंग सो जाता है। और जब आक्सीजन का संचरण ठीक ढंग से होने लगता है तो वह अंग पुन: संवेदनशील हो जाता है।