बच्चे को कभी भी कार में बंद न करें
ऐसे बहुत से उदाहरण देखे गए हैं जब बच्चों की बंद कार में मौत हो जाती है। माता-पिता उन्हें धूप से बचाने के लिए कार में कुछ देर बंद कर के चले जाते हैं। यह समझना जरूरी है कि बंद जगह पर तापमान जल्दी बढ़ता है। कार में तो ऐसा और भी तेजी से होता है, क्योंकि कार की बॉडी मैटल से बनी होती है। थोड़ी ही देर में कार ओवन की तरह तपने लगती है। बच्चे के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो जाता है। ऐसे में बच्चों के साथ बड़ों को भी यह सावधानी बरतनी चाहिए।
घर के भीतर भी बच्चों का पूरा ध्यान रखें
घर के भीतर भी बच्चों का पूरा ध्यान रखना जरूरी है। उन्हें बीच बीच में पानी और तरल पदार्थ देते रहें। डिहाइड्रेशन कहीं भी हो सकता है, घर के भीतर भी तापमान अचानक बढ़ जाता है।
एलर्जी और मौसमी बदलाव का ध्यान रखें
गर्मियों में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया का खतरा बढ़ जाता है। इसी तरह पीलिया, त्वचा रोगों और डायरिया की संभावना भी बढ़ जाती है। ऐसे में जरूरी है कि बच्चों को मच्छरों से सुरक्षित रखा जाए। मॉस्क्यूटो रेपेलेंट का इस्तेमाल करें, बच्चों को पूरी बाजू के कपड़े पहनाएं और एंटी मॉस्क्यूटो पैच या जैल इस्तेमाल करें।
गर्मियों में खेलों के दौरान सावधानी बरतें
तैराकी हो या अन्य खेल जैसे क्रिकेट, फुटबॉल, बैडमिंटर आदि। खेल के दौरान अपने आप को धूप से सुरक्षित रखना और खूब पानी पीना जरूरी है।
समर केयर किट
समर केयर किट तैयार कर लें, बच्चे को घर के अंदर गतिविधियों में व्यस्त रखें। इस किट में ग्लूकोज, ओआरएस, पानी की बोतल, टोपी, धूप का चश्मा, नोट बुक और गर्मियों के लिए विशेष निर्देश होने चहिए। साथ ही 'क्या करें' और 'क्या न करें' और 'आपातकालीन स्थिति के लिए कॉन्टेक्ट नम्बर' जैसी सभी चीजें भी होनी चाहिए।