हेल्थ डेस्क: अगर लाइफस्टाइल में सुधार कर लिया जाए तो दिल की बीमारी ठीक हो सकती है। कुछ ऐसी आदतें हैं, जिन्हें बदलकर दिल के दौरे को टाला जा सकता है, जिनमें धूम्रपान, शराब का सेवन, आहार में फल और सब्जियों की कमी और देर तक एक ही जगह बैठे रहने वाली जीवनशैली भी शामिल हैं।
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यह कहना है इंडियन मंडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मनोनीत राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल का। उन्होंने कहा कि 90 प्रतिशत लोगों को बुरी आदतों से किसी या कुछ अन्य चीजों की वजह से दिल का दौरा पड़ता है। अपनी आदतों में सुधार कर दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया, "दिल के रोगों के ज्यादातर खतरों में सुधार किया जा सकता है। छोटी उम्र में ही दिल के रोगों का मुख्य कारण है युवा पीढ़ी की गैर-सेहतमंद जीवनशैली।
आज के युवाओं की लाइफस्टाइल में आहार के रूप में जंक फूड, तनावपूर्ण नौकरी, व्यायाम और नींद की कमी और सिगरेट व शराब पर अत्यधिक निर्भरता शामिल है। अगर इस जीवनशैली से होने वाले खतरों से युवाओं को परिचित करवाया जाए और समय रहते लाइफस्टाइल में बदलाव किया जाए तो दिल के दौरे से बचा जा सकता है।"
उन्होंने कहा कि धूम्रपान छोड़ने से दिल के दौरे और स्ट्रोक दोनों का खतरा कम हो जाता है। धूम्रपान छोड़ने के एक साल के अंदर-अंदर ही दिल के दौरे और मौत का खतरा आधा रह जाता है।
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि खाली समय में की जाने वाली गतिविधियों और दिल के रोगों में प्रतिगामी संबंध देखा गया है। इसी के मद्देनजर हार्ट केयर फाउंडेशन एक मिनट में 80 कदम और दिन में 80 मिनट तक सैर करने की सलाह देता है।
जिन महिलाओं और पुरुषों में 10 साल के अंदर पहला हार्ट अटैक होने की आशंका 6 प्रतिशत होती है, को जीवनशैली बदलने के साथ ही हार्ट अटैक से बचने के लिए प्रथामिक उपचार के तौर पर एस्प्रिन देने की सलाह दी जाती है।