हेल्थ डेस्क: ओवेरियन सिस्ट की समस्या आज सभी महिलाओं को उनके जीवन में एक बार जरुर होती है। आमतौर में ये ओवरी के भीतर द्रव्य भरी थैलीनुमा संरचनाएं होती है। हर महिने पीरियड के समय इस थैली के आकार की एक संरचना उभरती है, जिसे फॉलिकल नाम से जाना जाता है।
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इस फॉलिकल से एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्ट्रॉन नाम के हार्मोंस निकलते है, जो ओवरी से मैच्योर एग की निकासी में सहायक होते है। कई मामलों में पीरियड की निश्चित अवधि खत्म हो जाने के बाद भी फॉलिकल का आकार बढता रहता है तो कि ओवेरियन सिस्ट कहलाता है। इसके कई कारण हो सकते है जैसे कि मोटापा, कम उम्र में पीरियड की शुरुआत, आनुवांशिक प्रभाव, हार्मोंस का असंतुलन और गर्भाधारण में अक्षमता आद के कारण हो सकता है।
लक्षण
अगर आपको ये लक्षण दिखे तो समझ ले कि आपको ओवेरियन सिस्ट हो सकता है।
- पेट के निचले हिस्से में रुक-रुक का दर्द होना।
- पीरियड में अधिक ब्लीडिंग और अनियमित रुप से होना।
- व्यायाम के बाद पेल्विक एरिया में दर्द होना।
- जी मिचलना
- वजाइना में दर्द होना।
इसका उपचार इसके आकार और लक्षणों के आधार पर गंभीरता लेकर किया जाता है। वैसे तो छोटे आकार वाले सिस्ट 2-3 महिने के मासिक चक्र के बाद अपने आप ठीक हो जाते है। अगर इससे ज्यादा समय या मोनोपॉज से भी ठीक न होतो कि अच्छे डॉक्टर की सलाह लें।