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चाहते हैं किडनी की बीमारी से रहें हमेशा दूर तो रोजाना करें ये काम

किडनी से जुड़ी कोई भी रोग है बहुत ही गंभीर होते हैं। और अगर सही टाइम पर पता न चले तो इसका इलाज नामुमकिन है। ऐसे में आपको अपने लाइफस्टाइल में कुछ खास चीजों को शामिल करने की आवश्यकता है। ऐसे में सबसे पहले यह सवाल उठता है कैसे किडनी की बीमारी को कैसे रोका जाए?

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: June 11, 2018 18:24 IST

kidney problem

Image Source : PTI
kidney problem

डायबिटीज के मरीजों के लिए जरुरी सावधानी

किडनी की बीमारी की रोकथाम सभी मधुमेह के रोगियों के लिए विशेष रूप से आवश्यक है। क्योकि दुनिया भर में सी. के. डी. और किडनी की विफलता का प्रमुख कारण मधुमेह है। डायालिसिस में आनेवाले क्रोनिक किडनी डिजीज के हर तीन मरीज में से एक मरीज किडनी फेल होने का कारण डायाबिटीज होता है। इस गंभीर समस्या को रोकने के लिए डायाबिटीज के मरीजों को हमेंशा दवाई एवं परहेज से डायाबिटीज नियंत्रण में रखना चाहिए।

डायबिटीज के मरीज इन बातों का रखें ख्याल
प्रत्येक मरीज को किडनी पर डायबिटीज के असर की जल्द जानकारी के लिए हर तीन महीने में खून का दबाव एवं पेशाब में प्रोटीन की जांच कराना जरुरी है। खून का दबाव बढ़ना, पेशाब में प्रोटीन का आना, शरीर में सूजन आना, खून में बार - बार ग्लूकोज की मात्रा कम होना तथा डायाबिटीज के लिए इंसुलिन इंजेक्शन की मात्रा में कमी होना आदि डायाबिटीज के कारण किडनी खराब होने के संकेत होते है।

किडनी की कार्यक्षमता का आंकलन करने के लिए हर साल कम से कम एक बार सीरम क्रीएटिनिन और eGFR का माप करवाना चाहिए। यदि मरीज को डायाबिटीज के कारण आँखो में तकलीफ की वजह से लेसर का उपचार कराना पड़े, तो ऐसे मरीजों की किडनी खराब होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। ऐसे मरीजों को किडनी की नियमित रूप से जाँच कराना अत्यंत जरूरी है। किडनी को खराब होने से बचाने के लिए डायाबिटीज के कारण किडनी पर असर का प्रारंभिक निदान जरूरी है। इसके लिए पेशाब में माइक्रोएल्ब्युमिनयूरिया की जाँच एकमात्र एवं सर्वश्रष्ठ जाँच है।

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