लक्षण
- इस रोग में लगातार वजन कम होता जाता है।
- हाइपरगामाग्लोब्युलिनेमिया के साथ हाइपोअल्ब्युनेमिया होने की संभावना।
- पैर, पेट, चेहरे और हाथ की त्वचा का रंग हल्का हो जाता हैं।
- खून की कमी।
- भूख कम लगना
- शरीर में पीलापन हो जाना।
- काला अजार को अक्सर लोग मलेरिया, टाइफाइड या तपेदिक समझने की भूल कर बैठते हैं क्योंकि इनके लक्षण और बाकी रोगों के लक्षण लगभग एक जैसे होते हैं।
- एनीमिया हो जाना।
- एनियमित रुप से बुखार आ जाना।
बचाव
- शुरुआती लक्षणों को पहचान कर आसानी से आप इस बीमारी से निजात पा सकते है।
- पेर्मेथ्रिन जैसे कीटनाशकों का प्रयोग करके वेक्टर पर नियंत्रण पाया जा सकता है या ऐसे उपायों से उसे रोका जा सकता है।
- पेर्मेथ्रिन यक्त कपडे अथवा मच्छरदानी या पर्दे या कीटनाशक पेंट से इस रोग के संचरण को रोकने में मदद मिल सकती है।