नई दिल्ली: दवाओं को अगर पानी के साथ न लेकर जूस के साथ लेने की आदत है, तो इसे सुधार लीजिए, क्योंकि इससे दवाओं का असर कम हो सकता है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव व एचसीएफआई के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ.के.के. अग्रवाल के मुताबिक, अंगूर का रस शरीर में कुछ दवाओं को सोखने की क्षमता कम कर सकता है, वहीं संतरा और सेब के जूस शरीर में दवाओं की सोखने की क्षमता कम कर उनके असर को कम कर सकते हैं।
कनाडा स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ओंटारियो के डॉ.डेविड बैले के अध्ययन का हवाला देते हुए डॉ, अग्रवाल ने कहा, "अंगूर का रस रक्तधारा में जाने वाली दवाओं की मात्रा कम कर देता है।"
अमेरिकन एकेडमी ऑफ फैमिली फिजिशियंस, के डॉक्टरों ने कॉलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप और दिल की धड़कन की दवा लेने वाले मरीजों को अंगूरों का रस न पीने की चेतावनी दे रखी है।शोध में पता चला है कि अंगूर, संतरे व सेब का रस कैंसर की दवा एटोपोफोस, बीटा ब्लॉकर दवा एटेनोलोल और एंटी ट्रांसप्लांट रिजेक्शन ड्रग सिस्लोस्पोरीन, सिप्रोफ्लॉक्सासिन, लिवोफ्लॉक्सासिन व इट्राकॉनाजोल जैसे एंटीबायोटिक्स का असर कम कर देता है।
शोध में शामिल स्वयंसेवकों ने एलर्जी की दवा फेक्सोफेनाडाईन सादे पानी व अंगूर के रस के साथ ली। जिन्होंने यह दवा अंगूर के रस के साथ ली, उनके शरीर ने केवल आधी दवा ही सोखी।रस में मौजूद तत्व दवा के सोखने की क्षमता को प्रभावित करते हैं। कुछ रसायन दवा को ले जाने वाले तत्वों को बाधित कर देते हैं, जिससे दवा के सोखने की क्षमता कम हो जाती है, जबकि कुछ रसायन ड्रग्स मेटाबॉलिज्म एंजाइम जो आम तौर पर दवा को तोड़ने का काम करते हैं, उन्हें बाधित कर देते हैं।
आम तौर पर पानी के साथ दवा लेना सुरक्षित होता है। एक घूंट के बजाय एक ग्लास बेहतर होता है, क्योंकि यह दवा को घुलने में मदद करता है। ठंडे पानी की बजाए गर्म पानी ज्यादा बेहतर रहता है।