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अब ब्रेन ट्यूमर के उपचार में फायदेमंद होगी बिना जबड़े वाली मछली: स्टडी

हाल में ही एक स्टडी हुई जिसमें खुलासा हुआ है कि एक तरह की मछली जिसके जबड़े नहीं होते है। उसमें ऐसे तत्व पाया जाता है। जो कि ब्रेन  ट्यूमर यानी कि ब्रेन कैंसर से आपको बचा सकता है।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published : May 20, 2019 17:11 IST
Jawless fish sea lamprey may help to treat brain tumor
Jawless fish sea lamprey may help to treat brain tumor

हेल्थ डेस्क: हम यह बात अच्छी तरह से जानते है कि मछली खाना हमारी सेहत के लिए कितना फायदेमंद है। इसमें भरपूर मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है। जो कि आपकी सेहत के लिए काफी अच्छा है। इतना ही नहीं मछली का सेवन करने से कई खतरनाक बीमारी जैसे दिमाग, दिल की बीमारी, कैंसर आदि से बचाव होता है। लेकिन हाल में ही एक स्टडी हुई जिसमें खुलासा हुआ है कि एक तरह की मछली जिसके जबड़े नहीं होते है। उसमें ऐसे तत्व पाया जाता है। जो कि ब्रेन  ट्यूमर यानी कि ब्रेन कैंसर से आपको बचा सकता है।

यह हुई स्टडी

साइंस एडवांसेज पत्रिका में प्रकाशित शोध में पाया गया कि 'सी लैम्‍प्रे' इस मछली के प्रतिरोधक तंत्र में पाये जाने वाले कीटाणुओं को अन्‍य उपचारों के साथ मिलाया जा सकता है। इससे ब्रेन कैंसर के साथ मस्तिष्‍क के अन्‍य विकारों जैसे मल्‍टीपिल क्लिरोसिस, अल्‍जाइमर के उपचार के तौर पर इस्‍तेमाल करके, इन विकारों को दूर करने में मदद मिलती है।

अमेरिका के मैडिसन-विस्कोन्सिन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एरिक शूस्ता कहते हैं, ‘हमारा मानना है कई स्थितियों में इसे मूल प्रौद्योगिकी के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।’ शोधकर्ताओं का कहना है कि जब दवाओं को इंजेक्शन के जरिए दिया जाता है तो अनेक दवाएं मस्तिष्क के लक्षित हिस्से तक पहुंच नहीं पाती क्योंकि रक्त-मस्तिष्क अवरोधक बड़े अणुओं को जाने से रोकते हैं।

ऐसे ये मछली होगी फायदेमंद

एरिक शूस्ता का कहना है कि ब्रेन कैंसर, मस्तिष्काघात, ट्रॉमा जैसी स्थितियों में ये अवरोधक रोग वाले क्षेत्र में छिद्रयुक्त हो जाते हैं। अध्ययन से पता चलता है कि छिद्रयुक्त अवरोध वहां से प्रवेश का बेहतरीन अवसर उपलब्ध कराते हैं। यहां से अणु मस्तिष्क में जा कर दवा को सटीक स्थान पर पहुंचा सकते हैं।

एक अन्य शोधकर्ता बेन उमलॉफ का कहना है कि यह दवाइयों को सटीक स्थान पर पहुंचाने का एक तरीका हो सकता है, जो सामान्यतया मस्तिष्क में ठीक प्रकार से पहुंच नहीं पाती उनका कहना है, 'अनेक बीमारियां ऐसी हैं जो रक्त-मस्तिष्क अवरोधक को बाधित करते हैं और हम उन अणुओं में दवा मिला कर अनेक उपचार दे सकते हैं।'

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