हेल्थ डेस्क: देशभर में टीएमडी यानी टैंपोरोमैंडिबुलर ज्वॉइट डिसऑर्डर से ग्रस्त लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है। भारतीय आबादी का 52 प्रतिशत हिस्सा टीएमडी से थोड़ा या अधिक परेशान है और इनमें से 22 प्रतिशत मरीज दाएं और बाएं टीएमजे से प्रभावित हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मुताबिक, जबड़े में दर्द का कारण मानसिक तनाव भी हो सकता है।
टीएमजे निचले जबड़े को खोपड़ी से जोड़ता है। यद्यपि टीएमजे विकारों के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें दांत एक सीध में न होना या दिमागी सदमा प्रमुख शामिल है, लेकिन इसकी एक वजह मानसिक तनाव भी हो सकता है। चेहरे में यही एकमात्र चलायमान जोड़ होता है।
आईएमए के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, "टीएमजे एक बॉल एंड सॉकेट वाला जोड़ है, जो कई कारणों से खराब हो सकता है। तनाव के दौरान लोग अक्सर अपने जबड़े को भींचते हैं या गुस्से में अपने दांत पीसने लगते हैं। इस वजह से मांसपेशियां तनी हुई अवस्था में रहती हैं और जोड़ को आराम नहीं मिल पाता है। इससे जोड़ में सूजन, दर्द और शिथिलता हो सकती है।"
ये भी पढ़ें:
- सावधान! फैटी लिवर बन सकता है कैंसर का कारण, ऐेसे रखें अपना ख्याल
- पनी शादी में चाहती है खूबसूरत मुस्कान, तो अजमाएं ये टिप्स
- अगर आप इस उम्र में बनेंगे पिता, तो आपका बच्चा होगा टैलेंटेड
डॉ. अग्रवाल ने कहा, "ऐसा कोई व्यक्ति जब अपना मुंह खोलता है या कुछ चबाता है, तब टीएमजे विकार के कारण क्लिक की आवाज आती है। यदि इस आवाज के साथ दर्द न होता हो या मुंह खोलने में असुविधा न होती हो, तो इलाज आवश्यक नहीं है। टीएमजे रोग को कुछ घरेलू उपायों से और तनाव में कमी लाकर एवं विश्राम की तकनीक से काफी हद तक कम किया जा सकता है।"
उन्होंने कहा कि टीएमजे विकार के लक्षणों में जबड़े में दर्द, कान व गाल के पास खिंचवा, थकान, दांत दर्द, सिरदर्द और जंभाई लेते समय क्लिक की आवाज आना प्रमुख है।
अगली स्लाइड में पढ़े घरेलू उपायों के बारें में