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सावधान! आयोडीन की कमी से महिलाएं हो सकती हैं बांझपन का शिकार

महिलाओं में आयोडीन की कमी का अगर समय रहते उपचार न कराया जाए तो गर्भधारण करने में समस्या आना, बांझपन, नवजात शिशु में तंत्रिका तंत्र से संबंधिक गड़बड़ियां होने का खतरा बढ़ जाता है।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: August 20, 2018 22:27 IST
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हेल्थ डेस्क: महिलाओं में आयोडीन की कमी का अगर समय रहते उपचार न कराया जाए तो गर्भधारण करने में समस्या आना, बांझपन, नवजात शिशु में तंत्रिका तंत्र से संबंधिक गड़बड़ियां होने का खतरा बढ़ जाता है। मानव शरीर में आयोडीन एक महत्वपूर्ण माइक्रो-न्यूट्रिएंट्स है, जो थायरॉइड हार्मोन के निर्माण के लिए आवश्यक है। आयोडीन डिफेशियंसी, आयोडीन तत्व की कमी है, यह हमारी डाइट का एक आवश्यक पोषण तत्व है। आयोडीन की कमी से हाइपो थायरॉइडिज्म हो जाता है।

इंदिरा आईवीएफ हॉस्पिटल के आईवीएफ एक्सपर्ट डॉ. अरविन्द वैद बताते हैं, "महिलाओं के शरीर में आयोडीन की कमी का उनके प्रजनन तंत्र की कार्यप्रणाली से सीधा संबंध है। हाइपोथायरॉइडिज्म बांझपन और गर्भपात का सबसे प्रमुख कारण है। जब थायरॉइड ग्लैंड की कार्यप्रणाली धीमी पड़ जाती है, तो वह पर्याप्त मात्रा में हार्मोन का उत्पादन नहीं कर पाती है, जिससे अंडाशयों से अंडों को रिलीज करने में बाधा आती है जो बांझपन का कारण बन जाती है। जो महिलाएं हाइपोथायरॉइडिज्म का शिकार होती हैं उनमें सेक्स में अरुचि, मासिक चक्र से संबंधित गड़बड़ियां और गर्भधारण करने में समस्या आना देखा जाता है।"

डॉ. वैद के अनुसार, बांझपन दूर करने के लिए किए जाने वाले प्रयासों में हाइपो थायरॉइडिज्म का उपचार एक महत्वपूर्ण भाग है। अगर हाइपोथायरॉइडिज्म के उपचार बाद बांझपन की समस्या बरकरार रहती है तब बांझपन के लिए दूसरे उपचार की आवश्यकता पड़ती है।

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