हेल्थ डेस्क: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के करीब आते-आते रौशनी का सैलाब एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर है। लेकिन ये सिर्फ कहने मात्र की बात नहीं रह गई है योग को विश्व स्तर पर एक अलग पहचान प्रधानमंत्री मोदी ने ही दी है। योग के फायदे तो आप जानते ही होंगे इससे मांसपेशियां और जोड़ दुरुस्त होते हैं, खून का प्रवाह तेज होता है, उपापचय या मेटाबोलिज्म बढ़ता है, चिंता और व्यग्रता दूर होती है और चेहरे पर स्वस्थ चमक आती है।
मॉडर्न युग में खराब खान- पान की वजह से हजारों शरीरिक समस्याएं पैदा होती है। इसका सबसे ज्यादा असर पेट पर पड़ता है जिससे गंभीर बीमारियां जन्म लेती है। यदि आपको भी पेट से जुडी कोई समस्या है तो यकीनन आपका मन किसी भी काम में नहीं लगेगा। अगर पेट में खाना नहीं पचता और लगातार पेट बाहर निकल रहा है तो वज्रासन करें।
वज्रासन एक ऐसा योगासन है जिसका आप नित्य अभ्यास कर सकते हैं। ज्यादातर आसन भोजन करने के कम से कम 3 घंटे पहले किए जाते हैं लेकिन वज्रासन आप भोजन के ठीक बाद कर सकते हैं। इससे भोजन आंतों में ठीक से बैठ जाता है आपको पेट की समस्या नहीं होती है। यह योगासन दो शब्दों के मेल से बना है: वज्र + आसन, वज्र का मतलब होता है कठोर अथवा मजबूत इस आसन के अभ्यास से शरीर मजबूत बनता है। इस आसन को सुबह या शाम दोनों वक्त आराम से कर सकते हैं।
वज्रासन करने की विधि
खाने के कुछ समय बाद समतल स्थान पर कंबल आदि बिछाकर घुटनों को मोड़कर इस तरह से बैठें कि नितंब दोनों एड़ियों के बीच में आ जाएं, दोनों पैरों के अंगूठे आपस में मिले रहें और एड़ियों में अंतर भी बना रहे। दोनों हाथों को घुटनों पर रखें। पीछे की ओर न झुकें और शरीर को सीधा रखें। हाथों और शरीर को पूरी तरह ढीला छोड़ दें और कुछ देर के लिए अपनी आंखें बंद कर लें।अपना ध्यान सांस की तरफ बनाए रखें। धीरे-धीरे आपका मन भी शांत हो जाएगा। इस आसन में पांच मिनट तक बैठना चाहिए। वज्रासन के लिए सावधानियां-वज्रासान में अगर पैरों या टखनों में अधिक खिंचाव और तनाव हो रहा हो तो दोनों पैरों को सामने की ओर फैलाकर बैठें और पैरों को बारी-बारी से घुटने से ऊपर नीचे हिलाएं। वे लोग वज्रासन न करें जिनके घुटने कमजोर हैं, जिन्हें गठिया है या फिर जिन्हें हड्डियों से संबंधित कोई बीमारी हो।