नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के करीब आते-आते रौशनी का सैलाब एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर है। लेकिन ये सिर्फ कहने मात्र की बात नहीं रह गई है योग को विश्व स्तर पर एक अलग पहचान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही दी है। योग के फायदे तो आप जानते ही होंगे इससे मांसपेशियां और जोड़ दुरुस्त होते हैं, खून का प्रवाह तेज होता है, उपापचय या मेटाबोलिज्म बढ़ता है, चिंता और व्यग्रता दूर होती है और चेहरे पर स्वस्थ चमक आती है।
आजकल के समय में प्रदूषण, तनाव, अनियमित जीवनशैली व दिन रात की भागदौड़ भरी जिंदगी से लोग समय से पहले ही बूढ़े दिखने लगे हैं और कम उम्र में ही चेहरे पर झुर्रियां, कील मुहांसे, फुंसियां, काले धब्बे लगातार परेशानी का सबब बन रहे हैं।ऐसे में कुछ योग आसनों के नियमित अभ्यास से आप प्राकृतिक सुंदरता, दमकती त्वचा व शारीरिक आकर्षण प्राप्त किया जा सकता है।सुंदर चमकीली त्वचा, गठीला शरीर, छरहरा बदन, चेहरे पर यौवन, चमकीले बाल और प्राकृतिक रूप से सुंदर दिखने की चाहत किसे नहीं होती? यही वजह है कि आजकल फिटनेस सेंटर, जिम, सैलून, स्पा और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के मंहगे सौंदर्य प्रसाधनों को खरीदने की होड़ दिखती है।
भारतीय आयुर्वेदिक पद्धति योग के साधारण आसनों के जरिए आप स्थाई आंतरिक व बाहरी सौंदर्य आसानी से पा सकते हैं।कैसे तो इसका जवाब है योग।अगर आप योग साधना को अपने जीवन से जोड़ लें तो शरीर को स्वस्थ्य रखने के साथ ही प्राकृतिक तौर पर स्थायी रूप से सुंदर और प्रभावशाली बन सकते हैं और महंगे सौंदर्य प्रसाधनों, ब्यूटी सैलून के महंगे उपचार व समय को बचाया जा सकता है.
आध घंटा सुबह और शाम करें सूर्य नमस्कार
हर रोज महज आध घंटा सुबह और शाम सूर्य नमस्कार, प्राणायाम, उत्थान आसन, कपाल भाती, धनुर आसन और सांसों की क्रिया के माध्यम से आप अपने यौवन, सौंदर्य और प्राकृतिक आकर्षण को जीवनर्पयत बनाए रख सकते हैं.
बालों के लिए भी अच्छा है योग
बालों और त्वचा के सौंदर्य को बनाए रखने में प्राणायाम महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।प्राणायाम से जहां तनाव कम होता है वहीं शरीर में प्राण वायु का प्रभावी संचार होता है और रक्त का प्रभाव बढ़ता है।हर रोज 10 मिनट तक प्राणायाम से मानव शरीर की प्राकृतिक क्लीजिंग हो जाती है।प्राणायाम से बालों का सफेद होना और झड़ने जैसी समस्या को रोकने में भी मदद मिलती है।
उत्थान आसन दे स्किन को नई जान
उत्थान आसन के लगातार उपयोग से आप कील, मुंहासे, काले धब्बों आदि की समस्याओं का स्थाई उपचार पा सकते हैं।कपालभाती से शरीर में कार्बन डाईक्साईड को हटाकर खून को साफ करने में मदद मिलती है।इससे शरीर में हल्कापन महसूस होता है।धनुर आसन से शरीर में रक्त का प्रभाव बढ़ता है और शरीर से विषैले पदार्थो को बाहर निकालने में मदद मिलती है इससे शरीर की त्वचा में प्राकृतिक चमक आती है और त्वचा की रंगत में निखार भी आता है।"
कैसे करें उत्थान आसन
उत्थान आसन और द्रुट उत्कटासन हमारे पैरों, पीठ और कंधों की पेशियों में महत्वपूर्ण खिंचाव लाता है।देर तक बैठने से हमारी शारीरिक अवस्था में जो कमी आ जाती है उसे इन दोनों आसनों के अभ्यास से सुधारा जा सकता है।
उत्थान आसन
यह आसन पीठ और कमर की उन मांसपेशियों को सशक्त बनाता है जिनका प्रयोग ध्यानात्मक आसन करने में ज़्यादा होता है।
योग के अभ्यासी को कमर या पीठ दर्द ख़ासकर साइटिका और स्लिप डिस्क की संभावना नहीं रहती। जिन्हें पहले से दर्द हो उन्हें खड़े होने वाले यह आसन नहीं करने चाहिए।
योग शिक्षक की सलाह से अपने शरीरिक अवस्था को ध्यान में रखते हुए आसनों का चयन करना चाहिए।
विधि:
सीधे खड़े रहें, दोनो पैरों में लगभग एक मीटर का अंतर रखिए। दोनों पैरों को बाहर की ओर मोड़िए। दोनों हाथों की अंगुलियों को आपस में मिला लीजिए, बाजू को सीधा और ढीला रखिए। सांस भर लीजिए। यह प्रारम्भिक स्थिति है।
पहली अवस्था: सांस छोड़ते हुए घुटने मोड़े और 30 सेंटी मीटर तक नीचे बैठिए, प्रयास करें कि आगे न झुकें। सांस भरते हुए वापस सीधे खड़े हो जाए।
दूसरी अवस्था: इसी प्रकार सांस छोड़ते हुए आधा मीटर नीचे बैठिए। जब आपकी जंघा ज़मीन के समानांतर हो जाए। उस स्थिति में रुकने का प्रयास करें फिर सांस भरते हुए प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं।
तीसरी अवस्था: इस बार सांस छोड़ते हुए घुटने मोड़ते हुए इतना नीचे बैठिए कि हाथों की अंगुलियां ज़मीन से स्पर्श हो जाएं परन्तु आगे न झुकें, रीढ़ को सीधा रखने का प्रयास करें।
बाज़ुओं को और कंधों को ढीला ही रखें। इस स्थिति में कुछ पल रुकने का प्रयास करें तत्पश्चात सांस भरते हुए वापस प्रारम्भिक स्थिति में आ जाएं।