इस पौधे को बनाया अपना हथियार
दीपांजलि डालमिया ने बांस की मदद से सैनिटरी नैपकीन बनाना शुरु किया। जो कि महिलाओं और पर्यावरण दोनों के लिए अच्छे थे।
2 साल में यहां पहुंची इनकी कंपनी
दीपांजलि डालमिया की कंपनी ने दिल्ली, मुंबई में सैनिटरी नैपकीन बेचने शुरू कर दिए और वो इसे जल्द ऑनलाइन माध्यम से भी बेचेंगे। इन्होंने बताया कि एक साल में 448 मिलियन यूनिट्स तैयार कर सकते हैं।
आपको बता दें कि ये सैनिटरी नैपकीन चीन और फिनलैंड में बनाए जाते हैं और उन्हें भारत में पैक किया जाता है। अब बंग्लादेश, अफ्रीका और रुसिया से भी लोग इसके बारें में जानना चाहते है। हम यह देख रहे है कि भारत सहित पूरी दुनिया में इसकी ब्रिकी हो।