हेल्थ डेस्क: अल्जाइमर भूलने की बीमारी है। बीमारी जब अडवांस्ड स्थिति में पहुंच जाती है, तो मरीज अपने परिजनों और रिश्तेदारों को पहचनाना तक बंद कर देता है। देश में लगभग 16 लाख लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। यह कहना है इन्द्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के न्यूरोलोजी विभाग के सीनियर कन्सलटेन्ट डॉ. विनीत सूरी का।
डॉ. सूरी ने 'विश्व अल्जाइमर दिवस' पर जारी एक बयान में कहा कि भारत में लगभग 40 लाख लोग डिमेंशिया से पीड़ित हैं और इसमें अल्जाइमर के मामले सबसे ज्यादा हैं। तकरीबन 16 लाख मरीज अल्जाइमर से पीड़ित हैं। आपको बता दें कि विश्व अल्जाइमर दिवस 21 सिंतबर को मनाया जाता है। (OMG! लोग खुद का यूरीन पीकर घटा रहे हैं वजन, चेहरे पर लगाने से मिलती है बेदाग ग्लोइंग स्किन )
डिमेंशिया और अल्जाइमर में अंतर
उन्होंने कहा, "अक्सर लोग समझते हैं कि 'डीमेंशिया' और 'अल्जाइमर' एक ही हैं। हालांकि ये दोनों स्थितियां एक नहीं हैं, वास्तव में अल्जाइमर डीमेंशिया का एक प्रकार है। डीमेंशिया में कई बीमारियां शामिल हैं, जैसे अल्जाइमर रोग, फ्रंट टू टेम्पोरल डीमेंशिया, वैस्कुलर डीमेंशिया आदि। डीमेंशिया के मरीजों में शुरुआत में याददाश्त कमजोर होने लगती है और मरीज को रोजमर्रा के काम करने में परेशानी होने लगती है। मरीज तारीखों, रास्तों और जरूरी कामों को भूलने लगता है। वह घर या ऑफिस में काम करते समय गलत फैसले लेने लगता है।" (प्रियंका चोपड़ा को भी है दमा की बीमारी, जानें इसके लक्षण, कारण और बचाव )
दिखते है ये लक्षण
उन्होंने कहा, "मरीज को कुछ नई या हाल ही बातें याद रहने लगती हैं। बीमारी जब अडवांस्ड स्थिति में पहुंच जाती है, तो मरीज अपने परिजनों और रिश्तेदारों को पहचनाना तक बंद कर देता है। उनके व्यवहार में कई तरह के बदलाव आ सकते हैं, जैसे गुस्सा या उग्र व्यवहार करना, मूड में बदलाव आना, दूसरों पर भरोसा न करना, डिप्रेशन, समाज से दूरी बनाना या बेवजह इधर-उधर घूमने की आदत।"
बयान में एक अल्जाइमर मरीज तारा दूबे के बेटे करण दूबे ने कहा है, "मेरी मां 93 वर्ष की हैं और वह पिछले चार सालों से इस बीमारी से पीड़ित हैं। अक्सर वह मुझे भूल जाती हैं और मुझे अपना भाई समझने लगती हैं।"
ऐसे करें अल्जाइमर मरीज की देखभाल
दूबे ने बताया, "बीमारी को समझने के लिए बहुत धैर्य की जरूरत होती है, आपको मरीज को हैंडल करना सीखना पड़ता है। मरीज को खूब प्यार और देखभाल की जरूरत होती है। जब मुझे पता चला कि मेरी मां इस बीमारी से पीड़ित है, तो मैंने इसके बारे में पढ़ा।"
डॉ. सूरी के अनुसार, अल्जाइमर पूरी तरह से ठीक नहीं हो सकता, लेकिन मरीज के जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है। ऐसी कई दवाएं हैं, जिनके द्वारा मरीज के व्यवहार में सुधार लाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि कई प्रयासों से मरीज के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सकता है जैसे व्यायाम, सेहतमंद आहार, उच्च रक्तचाप पर नियंत्रण, डिसलिपिडिमा और डायबिटीज पर नियंत्रण और मरीज को बौद्धिक गतिविधियों में शामिल करना जैसे नई भाषा सीखने, मेंटल गेम्स या म्यूजिक में व्यस्त रखना।