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चिकनगुनिया का इलाज हुआ मुमकिन, रूड़की के शोधकर्ताओं ने किया खोज

भारतीय प्राद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रूड़की के शोधकर्ताओं ने वायरस-रोधी अणु का पता लगाया है जिसका उपयोग कर बनाई जाने वाली दवा से चिकुनगुनिया के प्रकोप से निजात मिल सकती है। मच्छर जनित इस रोग से पीड़ित मरीजों में तेज बुखार और जोड़ों के दर्द की शिकायत रहती है।

Edited by: IANS
Published on: May 06, 2018 18:33 IST
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हेल्थ डेस्क: भारतीय प्राद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रूड़की के शोधकर्ताओं ने वायरस-रोधी अणु का पता लगाया है जिसका उपयोग कर बनाई जाने वाली दवा से चिकुनगुनिया के प्रकोप से निजात मिल सकती है। मच्छर जनित इस रोग से पीड़ित मरीजों में तेज बुखार और जोड़ों के दर्द की शिकायत रहती है। अब तक इस रोग की रोकथाम व उपचार के लिए न तो कोई कारगर दवा बाजार में उपलब्ध है और न ही कोई टीका। 

आआईटी, रूड़की के शोधकर्ताओं ने पेप-1 और पेप-2 नामक दो अणुओं की खोज की है जो वायरस रोधी हैं। इनकी खोज के लिए शोधकर्ताओं ने चिकनगुनिया वायरस विशिष्ट एनएस-पी2 प्रोटीज के संरचनागत अध्ययन का उपयोग किया। 

आईआईटी रूड़की के बायोटेक्नोलोजी विभाग की प्रोफेसर और प्रमुख शोधकर्ता शैली तोमर ने कहा, "एनएस-पी2 प्रोटीज एक सख्त वायरल एंजाइम है जो मानव में मौजूद नहीं होता है और यह चिकनगुनिया वायरस के लिए बेहतर एंटीवायरल ड्रग हो सकता है।" शोधकर्ताओं के मुताबिक जिन अणुओं यानी सूक्ष्मकणों में एनएस-पी2 प्रोटीज रहता है उनका उपयोग एंटीवायरल के रूप में किया जा सकता है। 

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