हेल्थ डेस्क: ज्यादातर भारतीय(India) कई तरह की मानसिक बीमारी(Mental Problem)का शिकार हैं। ज्यादातर भारतीय(India) कई तरह की मानसिक बीमारी(Mental Problem)का शिकार हैं। ये बात सुनने में अजीबोगरीब लग सकती है लेकिन सच्चाई और भी भयानक है। भारत में बहुत ही कम लोग है जो मानसिक बीमारी को लेकर खुल कर बोल पाते हैं या अपनी बात रखते हैं क्योंकि हम हर तरह के हेल्थ इश्यू पर बात तो करते हैं लेकिन मानसिक बीमारी को लेकर बात करना शायद ही हम जरूरी समझते हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन(World Health Organization) रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका और चीन के भारत दुनिया के ऐसे देशों में शामिल हो गया है जहां पर हर छठा भारतीय मानसिक बीमारी जैसे डिप्रेशन, विकार, बाइपोलर डिसऑर्डर का शिकार है। 2015-16 नेशनल मेंटल हेल्थ सर्वे( National Mental Health Survey)के मुताबिक हर छठा भारतीय किसी न किसी दिमागी बीमारी का शिकार है।
रिसर्च में सबसे हैरान कर देने वाली बात यह सामने आई है कि जनसंख्या का 6.4 प्रतिशत लोग खतरनाक दिमाग की बीमारी से जूझ रहे हैं। इस रिसर्च में यह बात भी सामने आई है कि गांव और शहर में ज्यादा फर्क नहीं है दोनों की स्थिती एक जैसी ही है। सिर्फ इतना ही नहीं मानसिक बीमारी को ठीक करने के लिए भारत में कई एक्सपर्ट और इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की जरूरत है।
जब कि देश में मानसिक बीमारी को ठीक करने के लिए देश में इससे जुड़े कई तरह के कैंपेन चल रहे हैं। यह ऐसी बीमारी बिल्कुल नहीं है जिसे आप इग्नोर करेंगे और आप ठीक हो जाएंगे बल्कि यह दिन पर दिन भयंकर रूप ले लेती है। बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण ने भी इस क्षेत्र में प्रयास करते हुए 'लव लॉफ फाउंडेशन''(Love Laugh Foundation की स्थापना की है जो लोगों के बीच में मानसिक बीमारी संबंधी बीमारी को लेकर जागरूक करता है।
आपको बता दें कि 'लव लॉफ फाउंडेशन'' (Love Laugh Foundation) ने इस क्षेत्र में काफी काम किया है। 87 प्रतिशत लोगों से इस आर्गनाइजेशन के माध्यम से संपर्क कर पाएं है उनकी बीमारी ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं।(जानें क्यों, स्कॉटलैंड के डॉक्टर मरीजों को दे रहे दवाओं के साथ 'बादलों को देखने' और 'ओस पर चलने' की सलाह)