हेल्थ डेस्क: दुनिया में भारत खुदकुशी की राजधानी बनने की ओर अग्रसर है। खुदकुशी के 90 फीसदी से अधिक मामले विभिन्न प्रकार के अवसादों से जुड़े हैं। अवसाद सिर्फ पुरुषों के ही नहीं अधिक मात्रा में महिलाओं को भी हो रहा है। जिसके कारण उनके परिवारिक संबंधों में कडवाहट आ जाती है।
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सबसे ज्यादा फर्क मां और बच्चों के बीच पडता है। अगर आप भी इस समस्या से पीडित है तो अपने बच्चों के साथ संबंध में थोड़ा सा सुधार लाएं। ऐसा करने से आप अवसाद से निजात पा सकती है। यह बात एक शोध में सामने आई। शोध के निष्कर्षो से पता चला है कि बच्चों और उसकी मां के बीच बातचीत में अगर गर्मजोशी की कमी है तो इसका मतलब यह है कि उनका आपस में तालमेल नहीं है।
अमेरिका के बिंघमटन विश्वविद्यालय के ब्रैंडन गिब ने बताया, "हम यह जानने की कोशिश कर रहे थे कि शरीर क्रिया विज्ञान के स्तर पर क्या आप मां और उनके बच्चों के बीच तालमेल देखते हैं और किस प्रकार यह अवसाद को प्रभावित करता है।" यह शोध 'जर्नल ऑफ चाइल्ड साइकोलॉजी एंड साइकिएट्री' में प्रकाशित किया गया है।
शोध में 7 से 11 साल के बच्चों और उनकी मांओं को शामिल किया गया। शोध में शामिल महिलाओं में से 44 का अवसाद का इतिहास रहा था जबकि 50 के साथ ऐसी कोई बात नहीं थी। उनका आपस में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह की बातचीत के दौरान उनके धड़कनों के उतार-चढ़ाव का अध्ययन किया गया।
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