लिस्टिरियोसिस
इस बीमारी के कारण गर्भवती महिलाओं में बच्चे का विकास न होने के साथ-साथ गर्भपात और समय से पहले बच्चे का जन्म होना जैसी समस्याएं होती हैं। इसके अलावा जन्म के समय बच्चे के कई तरह के संक्रमण से प्रभावित होने की आशंका बढ़ जाती है। जिससे कि संक्रमित बच्चे के इलाज के लिए एंटीबायोटिक का सहारा लिया जाता है।
यह संक्रमण महिलाओं में दूषित भोजन, गैर पाश्चुराइज्ड दूध, पनीर, कच्चे मांस व मछली से होता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को गैर पाश्चुराइज्ड दूध, बिना पके डेयरी उत्पादों व सीफूड से बचना चाहिए। इससे उनमें हल्की थकावट व दर्द के लक्षण दिखायी देते हैं। इस बैक्टीरिया से प्रभावित होने की आशंका 10 प्रतिशत अधिक होती है।
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