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समय रहते इलाज न किया, तो जानलेवा हो सकता है लू लगना, जानिए ऐसी और खास बातें

नई दिल्ली: देश में जारी भीषण गर्मी के बीच आईएमए ने लोगों को लू के प्रति जागरूक होने की जरूरत बताई है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, संस्था

India TV News Desk
Published on: May 20, 2016 23:24 IST
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नई दिल्ली: देश में जारी भीषण गर्मी के बीच आईएमए ने लोगों को लू के प्रति जागरूक होने की जरूरत बताई है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, संस्था के मानद महासचिव डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा है कि लू का अगर समय रहते उपचार नहीं किया गया तो यह जानलेवा हो सकता है।

शरीर का तापमान कंट्रोल करता है पसीना

डॉ. अग्रवाल ने कहा, "लू के मरीजों में तेज बुखार, पानी की कमी और पसीना न निकलने जैसे लक्षण होते हैं। अक्सर ऐसी स्थिति में शरीर का तापमान 106 डिग्री फारेनहाइट से अधिक हो जाता है। ऐसी स्थिति में बाहरी या एक्जीलियरी तापमान विश्वसनीय नहीं होता।" उन्होंने आगे कहा, "व्यक्ति के शरीर का तापमान उसके निकलने वाले पसीने से नियंत्रित रहता है, जिससे गर्मी का अहसास नहीं होता है। लेकिन गर्मी के बढ़ने के साथ अगर आपके शरीर से पसीना नहीं निकलता तो इससे गर्मी से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं।"

हीट क्रैम्प्स से शरीर में नमक और पानी की हो जाती है कमी

डॉ. अग्रवाल ने कहा, "हीट क्रैम्प्स गर्मी की सबसे हल्की समस्या होती है, जिसकी वजह से नमक और पानी की कमी हो जाती है। 'हीट एग्जॉशन' मध्यम किस्म की समस्या है, जिसमें पसीना तो आता रहा है, लेकिन लू लगने पर समय रहते उपचार की जरूरत होती है। लू के मरीजों में तेज बुखार, डीहाइड्रेशन और पसीना न निकलने जैसे लक्षण होते हैं। अक्सर ऐसी स्थिति में शरीर का तापमान 106 डिग्री फारेनहाइट से अधिक हो जाता है। ऐसी स्थिति में बाहरी या एक्जीलियरी तापमान विश्वसनीय नहीं होता। प्रभावित लोगों को चाहिए कि वे आठ से 10 लीटर तरल पेय लें।"

खिलाड़ियों को ज़्यादा तेज़ गर्मी में दोपहर के वक्त नहीं खेलना चाहिए

इस समय तापमान 44.6 डिग्री सेंटीग्रेड को पार कर चुका है और आने वाले दिनों में लू के मामलों में इजाफा हो सकता है। खिलाड़ियों को गर्मी के दिनों में ठीक दोपहर के समय खेलने से परहेज करना चाहिए, साथ ही डीहाइड्रेशन से बचने के उपचार अपनाने चाहिए। नींबू नमक पानी और आम का पन्ना पेय के विकल्प के तौर पर लें।

महत्वपूर्ण तथ्य:

- बूढ़े लोगों और उन व्यक्तियों में जो एंटी एलर्जी की दवाएं लेते हैं, उनमें लू आम है।

-मरीज में बुखार के साथ और अगर उसे होश न हो तो यह गर्मी संबंधी समस्या हो सकती है।

-गर्मी के दिनों में हर व्यक्ति रोजाना करीब 500 मिली लीटर से लेकर 1000 मिली लीटर तक पानी पसीने से निकाल देता है। इसलिए अतिरिक्त पानी लेने की जरूरत होती है।

-किडनी की बीमारी और हार्ट फेल्योर वालों को अतिरिक्त पेय लेने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लेनी चाहिए।

-पसीने की मौजूदगी या गैरमौजूदगी का पता भुजाओं की जांच से लगाया जा सकता है। भुजा के सूखे होने का मतलब गंभीर डीहाइड्रेशन हो सकता है।

-गर्मी के दिनों में हर व्यक्ति को आठ घंटे के अंदर एक बार पेशाब करने जाना चाहिए। अगर आठ घंटे तक पेशाब नहीं होती तो यह गंभीर डीहाइड्रेशन हो सकता है।

-इस मौसम में पीलिया, टायफाइड, गैस्ट्रोएन्टाइटिस और हैजा जैसी बीमारियों से बचाव के लिए हर व्यक्ति को चाहिए कि वह कटे हुए फल व सब्जियों के सेवन से बचे।

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