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मानव स्‍टेम कोशिका डायबिटीज को कंट्रोल करने में निभा सकती है बड़ा रोल, जानिए क्‍या कहती है रिसर्च

नेचर सेल्‍स बायोलॉजी पर हुई एक रिसर्च में यह पाया गया है कि मानव स्‍टेम कोशिका इंसुलिन का निर्माण करने में सक्षम है और भविष्‍य में इसे डायबिटीज के मरीजों में प्रत्‍यारोपित करके रोग को कंट्रोल किया जा सकता है।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: November 10, 2017 6:05 IST
Research Diabetic patients- India TV Hindi
Research Diabetic patients

नई दिल्ली: पूरी दुनिया में डायबिटीज से करीब 35 करोड़ लोग ग्रसित है और आज यह मानव हेल्‍थ की सबसे बड़ी समस्‍याओं में से एक है। साथ ही विश्व स्वास्थय संगठन (WHO) के मुताबिक 2030 तक डायबिटीज लोगों की मौत का सातवां सबसे बड़ा कारण होगा। यह एक ऐसी बीमारी है जो एक बार अगर किसी को हो जाए तो जीवन भर साथ रहती है लेकिन अगर इसके शुरुआती लक्षण की पहचान हो जाए तो इसका उचित इलाज किया जा सकता है। मेडिकल साइंस भी डायबिटीज को कैसे कंट्रोल किया जाए ? सवाल के जवाब की खोज करते हुए रोकथाम के बेहतर उपाय की खोज करने का प्रयास कर रहा है। डायबिटीज से ग्रसित रोगियों के लिए अच्‍छी सूचना यह है कि हाल ही में नेचर सेल्‍स बायोलॉजी पर हुई एक रिसर्च में यह पाया गया है कि मानव स्‍टेम कोशिका() इंसुलिन का निर्माण करने में सक्षम है और भविष्‍य में इसे डायबिटीज के मरीजों में प्रत्‍यारोपित करके रोग को कंट्रोल किया जा सकता है।

डायबिटीज रोग पर कट्रोल लगाने के क्षेत्र में खास मानी जा रही इस रिसर्च को करीब 415 M  लोगों पर किया गया है। इस रिसर्च में रोग से जुड़ें हर पहलू को जांचा परखा गया है। डायबिटीज के रोगी शरीर की जरूरत के अनुसार इंसुलिन का उत्‍पादन करने में सक्षम नहीं होता जो कि शरीर में शुगर की मात्रा के नियंत्रण के लिए बेहद जरूरी होता है। इसके चलते कई पकार की विषमताओं को शरीर को सामना करना पड़ता है और कई बार यह बेहद घातक हो जाता है।

क्‍या है कोशिका पॉलेरिटी

खोजकर्ताओं ने यह भी पाया कि कोशिका पॉलेरिटी के नियंत्रण में कई अन्‍य प्रकार की मानव कोशिका का विकास होता है। दरअसल सेल पॉलेरिटी कई कोशिकाओं से बना असिमित संठन है जिसमें इसकी प्‍जामा मेब्रेन और साइटोस्‍कैलेटन भी शामिल है।

रिसर्च में सामने आई कुछ महत्वपूर्ण बातें :

डायबिटीज मरीज के ब्लड में शूगर की मात्रा बढ़ने की वजह से समय के साथ-साथ धीरे-धीरे सेल्स पॉलेरिटी कम होती जाती है। सेल्स पॉलेरिटी कम होने का साफ मतलब है कि आपको शरीर में नया सेल नहीं बन रहा है। सबसे पहले आपको बता दें कि सेल पॉलेरिटी प्लाज्मा झिल्ली संरचना (plasma membrane) और साइटोस्‍कैलेटन (cytoskeleton) से बना है।

रिसर्च में यह बात भी सामने आई कि ह्यूमन स्टेम सेल्स के अंदर पाए जाने वाली बीटा सेल्स डायबिटीज को कंट्रोल कर सकती है।

यूनिवर्सिटी ऑफ कोपेनहेगन (डेनमार्क) के प्रोफेसर के मुताबिक प्रोजेनिटर सेल्स पूरे शरीर में बीटा सेल्स बनाता है। और यही बीटा सेल्स बॉडी में डायबिटीज को कंट्रोल करमे का काम करती है। लेकिन जब स्टेम सेल्स में बीटा सेल्स की मात्रा कम होती है तब डायबिटीज अपना शिकार बनाती है।

 

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