हेल्थ डेस्क: एस्ट्रोजन और प्रोस्ट्रोजन दोनों हार्मोंस पीरियड्स को कंट्रोल करते है, अंडोत्सर्ग हो सके इस कारण प्रोजेस्ट्रान हार्मोंस का स्तर अधिक हो जाता है। जिसके कारण पाचन संबंधी समस्या हो जाती है। पीरियड्स के दौरान कब्ज-डायरिया की समस्या होना आम बात है। गर्भाशय और बड़ी आंत पास-पास होते है। पीरियड्स के दौरान गर्भाशय की अंदरूनी परत मोटी हो जाती है, इसलिए बड़ी आंत पर दवाब पड़ता है। जिसके कारण शौच करने में समस्या भी होती है। जानिए कैसे इन दोनों समस्याओं से निजात मिल सकता है।
डायरिया
कई महिलाओं को पीरियड्स शुरु होते है। उसके साथ ही पेट में मरोड़ और टायलेट जाने पर बदलाव आ जाता है। आंते अतिसक्रिय हो जाती है। इससे डायरिया हो जाता है। इस दौरान सेरेटोनिन और ऑक्सिटोसिन का स्तर बढ़ जाता है। डायरिया की समस्या पीरियड्स के पहले 3 दिन अधिक होती है। कुछ महिलाओं को पीरियड्स शुरु होने के एक सप्ताह पहले जी मचलाने और पेट फूलने की समस्या होने लगते है।
लक्षण
- दस्त
- पेट में मरोड़
- जी मचलाना
- पेट फूलना
- पाचन क्रिया धीमे हो जाना।
ऐसे करें बचाव
पीरियड्स के समय जितना हो सकें लिक्विड चीजें पीना चाहिए। इसके साथ ही फाइबर युक्त चीजें जैसे कि मक्का, मूली, पत्तागोभी, खीरा खा सकती है। इसके साथ ही एक्सरसाइज भी करें। हो सके तो पीरियड्स के समय कैफीन या फिर जंक फूड्स का सेवन न करें।
गैस की समस्या
प्रोजस्ट्रान के कारण गैस की समस्या हो जाती है। जिसके कारण पेट भी फूलने लगता है। एक बार जब पीरियड्स शुरु हो जाते है तो रसायन प्रोस्टैगलैंडिंस स्वात्रित हो जाता है। जिसके कारण गैस की समस्या हो जाती है।
ऐसे करें बचाव
इन दिनों में सूप का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा फलियां, दाल, आली, चावल आदि का सेवन न करें। इसके अलावा सल्फर युक्त भोजन नहीं करना चाहिए।