वायु प्रदूषण का शारीरिक एवं मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। प्रदूषण के कारण शरीर के कई अंगों और कार्यो को नुकसान पहुंचता है। आईए जानते हैं कि वायु प्रदूषण स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है? वायु प्रदूषण सांस की बीमारियां जैसे सीओपीडी उग्र हो जातीहै। वायु प्रदूषण के कारण ब्रॉंन्कियल अस्थमा उग्र रूप धारण कर लेता है। इसके अलावा इससे थकान, सिरदर्द और चिंता, आंखों, नाक, गले में जलन, तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचना, कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम पर बुरा असर पड़ता है।
विश्वस्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार हर साल 70 लाख लोगों की मृत्यु प्रदूषित हवा के कारण होती है। सर्दियों का मौसम फिर से आ रहा है, ऐसे में आने वाले दिनों में हवा में नमी कम हो जाएगी, खेतों में भूसा जलाया जाएगा, इन सब के चलते सर्दियों में प्रदूषण अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच जाता है। पिछले 30 सालों में वायु प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य पर कई घातक प्रभाव पाए गए हैं। इनमें सांस की बीमारियां जैसे अस्थमा और फेफड़ों की समस्याएं, कार्डियोवैस्कुलर रोग, गर्भावस्था में बुरे परिणाम जैसे समय पूर्व प्रसव और यहां तक कि मृत्यु जैसे परिणाम भी शामिल हैं।
नई दिल्ली के इन्द्रप्रस्थ अपोलो हॉस्प्टिल्स के सीनियर पल्मोनोलिज्स्ट डा. राजेश चावला ने वायु प्रदूषण के हानिकर प्रभावों और इनसे बचने के लिए घरेलू उपायों पर रोशनी डाली।
घर के भीतर एयर प्यूरीफाइंग पौधे लगाएं : घर की भीतरी हवा को नियन्त्रित रखने के लिए प्राकृतिक पौधे लगाएं जो हवा को साफ करते हैं जैसे एलोवेरा, आईवी, मनीप्लांट, सेनसेवियरा और स्पाइडर प्लांट। ये पौधे प्रदूषित हवा को साफ करते हैं। घर में रासायनिक फ्रैशनर, क्लीनर, मोमबत्ती, धूम्रपान आदि का इस्तेमाल न करें।
घर वेंटीलेशन उपयुक्त हो : कभी कभी घर की खिड़कियां खोलें, ताकि घर में हवा का आवागमन ठीक बना रहे। छोटे-छोटे उपायों से घर में प्रूदषण को नियन्त्रित रखा जा सकता है। इससे घर में ताजा हवा आती रहती है।
मास्क पहनें : जब वायू प्रदूषण का स्तर गंभीर हो, उस समय मास्क का उपयोग करें। मास्क में कार्बन फिल्टर और एक्जहास्ट वैल्यू होना चाहिए। मास्क ऐसा हो कि आपके चेहरे पर फिट हो जाए, साथ ही इसे पहनना आरामदायक हो, ताकि आप लम्बे समय तक इसे पहने रख सकें। सुनिश्चित करें कि मास्क और त्वचा के बीच अंतर न हो ताकि प्रदूषित हवा सांस के साथ भीतर न जा सके।
खुले में व्यायाम न करें : खुले में भारी व्यायाम न करें, जैसे साइकल चलाना, जॉगिंग। खासतौर पर सुबह और शाम के समय वायू प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा होता है, उस समय बाहर न जाएं। इसके बजाए घर के भीतर व्यायाम या जिम कर सकते हैं। बच्चों के लिए भी आउटडोर गतिविधियां सीमित कर दें।
विटामिन सी से युक्त आहार लें: अपने आहार में विटामिन सी, मैग्निशियम, ओमेगा फैटी एसिड का सेवन भरपूर मात्रा में करें। ये पोषक तत्व शरीर की बीमारियों से लड़ने की ताकत बढ़ाते हैं और आपको प्रदूषण के घातक प्रभावों से सुरक्षित रखते हैं।
गुड़ क सेवन करें : गुड़ आपको वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों से बचाता है, यह प्राकृतिक क्लेंजिंग एजेन्ट है, जो शरीर से टॉक्सिन्स निकालने में मदद करता है।
खूब पानी पीएं : इससे शरीर के वायुमार्ग साफ हो जाते हैं। नियमित चाय के बजाए हर्बल चाय, अदरक या तुलसी की चाय पीएं, यह शरीर से टॉक्सिन्स निकालने में मदद करती है।
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सुरक्षित रहें : व्यस्त स्थानों, भीड़भाड़ भरे इलाकों या कन्सट्रक्शन साईट के नजदीक न जाएं। अगर सांस लेने में तकलीफ हो, बहुत ज्यादा खांसी हो तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।