हेल्थ डेस्क: एम्स के एक प्रोफेसर ने कहा है कि एचआईवी ने मानव जाति को यह सिखाया कि स्वास्थ्य प्रणालियों में कैसे सुधार करना है और इस जानकारी का इस्तेमाल अन्य बीमारियों के इलाज के लिए भी किया जा सकता है।
एम्स में चिकित्सा के प्रोफेसर नवीत विग ने ‘वर्ल्ड एड्स डे’ पर आयोजित एक संवादात्मक सत्र के दौरान कहा, ‘‘सभी स्वास्थ्य कार्यक्रमों को समेकित किए जाने की आवश्यकता है ताकि हमारे संसाधनों का कुशलता से इस्तेमाल किया जा सके।’’
एचआईवी संक्रमण के कारण होने वाली एड्स महामारी को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए एक दिसंबर को ‘वर्ल्ड एड्स डे’ मनाया जाता है।
अमेरिकन सेंटर ने समारोह का आयोजन रोग नियंत्रण केंद्र, यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवल्पमेंट, अमेरिकी राष्ट्रपति का ‘एमरजेंसी प्लान फॉर एड्स रिलीफ’ और ‘इंटरनेशनल एड्स वैक्सीन’ पहल के साथ मिलकर किया था।
विग ने लोगों को एचआईवी संबंधी जांच कराने की सलाह दी। उन्होंने कहा, ‘‘जितना जल्दी हो, उतना बेहतर है। लोगों को यह समझने की आवश्यकता है।’’
नौ साल की उम्र से एड्स से लड़ाई लड़ रहे चिन्मय मोदी ने कहा कि बीमारी को लेकर लोगों की सोच के कारण इससे प्रभावित लोगों का जीवन और भी मुश्किल हो जाता है।
वैज्ञानिक हुमा कुरैशी ने कहा कि आज नहीं तो कल, विश्व को एचआईवी के लिए टीका जरूर मिलेगा।
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