त्वचा पर दाग- धब्बे या मस्सों का होना
बढ़ती उम्र का असर चेहरे की खूबसूरती पर भी पड़ता है। चेहरे पर झुर्रियां ही नहीं, बल्कि कुछ तिल और मस्से भी निकल आते हैं। अगर त्वचा पर तिल या मस्से असामान्य तरीके से निकल रहे हों या त्वचा की रंगत में कोई बदलाव दिखे, तो इसे भी कभी हल्के में न लें। त्वचा के ये बदलाव किसी गंभीर बीमारी को जन्म दे सकते हैं।
अमेरिकन कैंसर सोसायटी की रिपोर्ट के अनुसार, समुद्र किनारे या स्विमिंग पूल में घंटों समय बिताने वाली 30 की उम्र की महिलाओं में अक्सर मेलेनोमा कैंसर होने की आशंका ज्यादा पाई जाती है। यदि आपके परिवार में कोई मेलेनोमा से ग्रस्ति है, तो खासकर कम उम्र की महिलाओं को इससे अधिक सावधान रहने की जरूरत होती है।
अमेरिकन अकेडमी ऑफ डर्मेटेलॉजी (एएडी) के अनुसार मेलेनोमा की समस्या को नजरअंदाज न करें, क्योंकि यह तेजी से शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है, जो काफी घातक सिद्ध होता है। मेलेनोमा रिसर्च फाउंडेशन द्वारा त्वचा के कैंसर के लक्षणों को पहचानने के लिए कुछ संकेत बताए गए हैं, जैसे हाथ और पैरों के नाखूनों के बीच में उभरी काली, भूरी, नीली और हरी रंग की रेखाएं, जिन्हें छूने में दर्द होता हो। तिल के रंग और आकार में जल्दी-जल्दी परिवर्तन हो। एएडी वेबसाइट ने बताया है कि यदि आप अपनी त्वचा पर नए या बदलते तिल, झांइयां, ऐज स्पॉट या पैचेज के निशान उभरते हुए देखें , तो तुरंत किसी बेहतर डर्मेटोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
दरअसल, त्वचा की कोशिकाओं का असामान्य तरीके से बढ़ना स्किन कैंसर कहलाता है, जो अक्सर धूप के संपर्क में रहने वाली त्वचा में ज्यादा होता है। लेकिन स्किन कैंसर कई बार त्वचा के उन हिस्सों में भी हो जाता है, जो सामान्य रूप से धूप के संपर्क में नहीं आते या कम आते हैं। ऐसे में महिला ही नहीं पुरुषों को इस तरह के किसी बदलाव के प्रति सजग रहना चाहिए।