डॉ. सेठ ने बताया, "सूर्य प्रकाश डायलेटेड कार्डियामायोपैथी का मरीज था। इलाज कठिन था मगर हमने इस बच्चे में हृदय प्रत्यारोपण किया जोकि कामयाब रहा और बच्चा स्वस्थ है।" उन्होंने बताया कि एम्स में अब तक चार-पांच बच्चों में हृदय प्रत्यारोपण हो किया जा चुका है।
डॉ. सेठ ने बताया कि हृदय रोगियों के इलाज के लिए योग भी कारगर साबित हुआ है। उन्होंने कहा, " योगाचार्य द्वारा बताई गई योग की विभिन्न विधियों में जो हृदयरोगी को नुकसान देने वाली है उनको हटाकर हमने एक विशेष योग पद्धति बनाई है जिसे 'क्रयोग' नाम दिया गया है।"
क्रयोग यानी कार्डियेक रिहैब योग से दिल की बीमारी पर नियंत्रण पाने वाली सुनीता का इलाज डॉ. सेठ की निगरानी में ही चल रहा है। सुनीता ने बताया कि क्रयोग से उसे लाभ मिला है।