हैल्थ डेस्क: हर इंसान चाहता है कि दिन भर की थकान के बाद घर आकर वह चैन की नींद सो सके। ताकि वह तरोताजा महसूस कर सके। लेकिन आपने ज्यदातर समय में यह महसूस किया होगा कि सो कर उठने के बाद भी आप तरोताजा महसूस नहीं करते या फिर सो कर उठने के बाद भी आपको नींद आती रहती है।
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आपको बता दें कि कईं बिमारियां ऐसी हैं जो सोने मात्र से ही छूमंतर हो जाती हैं। बस जरूरत है तो दिशा देखकर सोने की। आपने अक्सर लोगों को कहते हुए सुना होगा कि उत्तर दिशा में सिर रखकर नहीं सोना चाहिए। क्या आप जानते हैं कि क्यों लोग ऐसा कहते हैं या फिर क्यों उत्तर दिशा की ओर नहीं सोना चाहिेए, नहीं ना।
आज हम आपको यह बताने जा रहे हैं कि उत्तर दिशा में सोने से आपके स्वास्थ्य पर क्या नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। और किस दिशा में सोने के आपको फायदें मिल सकते हैं ।
उत्तर दिशा में सोने के नकारात्मक प्रभाव
जब शरीर में रक्त की कमी होती है तो उससे एनीमिया या रक्तल्पता होता है जिसे ठीक करने के लिए डॉक्टर आयरन लेने का सलाह देते है।क्योंकि आयरन रक्त का एक बहुत ही महत्वपूर्णँ तत्व होता है। जिस प्रकार पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र (मैगनेटिक फील्ड) होते हैं। उसी प्रकार यदि आप उत्तर दिशा की ओर सिर रखकर 5 से 6 घंटों तक सोते हैं तो चुंबकीय खिंचाव आपके दिमाग पर दबाव डालने लगता है।
मानव हृदय शरीर के तीन-चौथाई भाग में ऊपर की ओर होता है, गुरूत्वाकर्षण के कारण शरीर में रक्त को ऊपर की ओर पहुचंने से ज्यादा कठिन नीचे की ओर पहुचंना होता है। दरअसल हमारे शरीर की रक्त शिराएं ऊपर की ओर जाती है पर दिमाग में जाते समय ये शिराएं लगभग बालो जितनी पतली होती है और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये फट भी सकती है और रक्तस्राव भी हो सकता है।
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