नई दिल्ली: आजकल की भागदौड़ वाली लाइफस्टाइल में हम उतना ख्याल नहीं रख पाते हैं जितना रखना चाहिए। ऐसे में खराब लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से शरीर में कई तरह की दिक्कतें शुरु होती हैं। ऐसे में आपको अपने शरीर का खास ख्याल रखने की जरूरत हैं। शरीर में कई तरह की दिक्कते से हमारा मतलब है पैर, कमर, सिर में होने वाले लगातार दर्द। इन दर्दों को आप कई बार इग्नोर कर देते हैं लेकिन आपको जानकर हैरानी होगा कि धीरे-धीरे ये दर्द बढ़ जाती हैं और आपको कई तरह की प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता है।
आज की भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल में खुद के लिए सोचने-समझने का समय ही नहीं मिलता है। ऐसे में शरीर के कई हिस्से कुछ ज्यादा ही प्रभावित हो जाते हैं। इनमें सबसे ज्यादा दबाव पड़ता है हमारी कमर पर। कमर दर्द या बैक पेन से महिलाएं अधिक परेशान रहती हैं। कमर दर्द से राहत पाने में योगासनों का नियमित अभ्यास आपकी मदद कर सकता है। यहां योग गुरु बाबा रामदेव 5 ऐसे आसान योगासन बता रहे हैं, जिन्हें करने से कमर दर्द दूर करने और पेट की घटाने में मदद मिल सकती है। यहां नीचे दिए वीडियो लिंक में देखें इन आसनों को करने की सही विधि :
मर्कट आसन
मर्कट का अर्थ बंदर होता है, इसलिए इस आसन को बंदर आसन भी कहा जाता है। यह आसन करते समय शरीर का आकार बंदर जैसा हो जाता है। यह आसन कमर दर्द व पेट की चर्बी घटाने के लिए काफी लाभकारी होता है। इसे करने से शरीर का लचीलापन बढ़ता है, हाथ-पैरों और कमर का दर्द व मोटापा काम होता है।विधि
पहली विधि में पीठ के बल लेटकर दोनों हाथों को कमर से नीचे रखें। दोनों पैरों को जोड़कर घुटनों से मोड़ लें। अब कमर से नीचे के हिस्से को ट्विस्ट करते हुए पैरों को एक बार दायीं तरफ बगल में जमीन पर टिका दें। इस अवस्था में सर को उसकी उलटी दिशा में रखते हैं। इस आसन को 10 से 20 सेकेंड से शुरू करते हुए टाइमिंग बढ़ानी है।
दूसरी विधि से करने के लिए जमीन पर सीधे लेट जाएं। दोनों पैरों के बीच फासला रखें और और उन्हें घुटनों से मोड़ लें। अब बायां घुटना बगल में जमीन पर टिका दें और दायां घुटना बायें पैर के अंगूठे पर रख दें। इस अवस्था में सिर को विपरीत दिशा में घुमाकर रखें।
तीसरे अभ्यास में जमीन पर सीधे लेट जाएं। दाहिने पैर को कमर से सीधा उठाते हुए बायीं तरफ जहां तक हो सके लेकर जाएं। इसे करने की आदर्श स्थिति में दाहिने पैर से बायें हाथ को जमीन पर रखते हुए छूना है। इसी तरह दूसरे पैर से भी करना है। इस आसन को करते समय गर्दन विपरीत दिशा में रखनी है।
फायदा
मर्कट आसन करने से पीठ के दर्द में राहत मिलती है और रीड की हड्डियों का विकार दूर होता है। सर्वाइकल, पेट दर्द, गैस्ट्रिक, कमर दर्द, अपचयन, कूल्हों के दर्द, अनिद्रा थकान में मर्कट आसन बहुत ही लाभदायक है। इसके साथ ही मर्कट आसन करने से हमारे गुर्दे, अग्नाशय और लीवर सक्रिय हो जाते हैं।
एकपाद उत्तानासन
इस आसन में एक पैर को सीधा उठाकर कुछ देर इसी अवस्था में रुकते हैं। इस आसन का एक सर्कल एक-एक बार दोनों पैरों से करने से पूरा होता है। इसलिए इसे एकपाद उत्तानासन कहते हैं।
विधि
इस आसन को करने के लिए जमीन पर सीधा लेट जाएं और दोनों हाथों को शरीर के दोनों ओर कमर के नीचे रख लें। अब धीरे से सांस लेते हुए घुटने सीधे रखते हुए दायें पैर को 60 डिग्री का कोण बनाते हुए सीधा उठाइए। इस अवस्था में कुछ देर रुक कर सांस छोड़ते हुए सामान्य मुद्रा में वापिस आ जाइए। इसी तरह बायें पैर से इस आसन को दोहराना है। इसे शुरुआत में 4-5 बार दोहरा सकते हैं।
फायदा
यह आसन पेट की सभी समस्यायों में लाभकारी है। आंतों, लिवर और किडनी के लिए भी फायदेमंद है। यह बेली फैट घटाने में भी मददगार होता है। इस आसन से उदर के काफ़ी रोग ठीक होते हैं।
शलभ आसन
शलभ का अर्थ टिड्डी होता है। इस आसन की अंतिम मुद्रा में शरीर टिड्डी जैसा लगता है, इसलिए इसे इस नाम से जाना जाता है। यह कमर एवं पीठ दर्द के लिए बहुत लाभकारी आसन है।
विधि
सबसे पहले आप पेट के बल लेट जाएं और अपनी हथेलियों को जांघों के नीचे रखें। एड़ियों को आपस में जोड़ लें। सांस लेते हुए अपने पैरों को यथासंभव ऊपर ले जाएं। धीरे-धीरे सांस लें और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ें और इस अवस्था को बनाएं रखें। अब सांस छोड़ते हुए पैर को नीचे लाएं। यह एक चक्र हुआ। इस तरह से आप 3 से 5 बार करें।
फायदा
यह कमर दर्द के लिए अति उत्तम योगाभ्यास है। इसके नियमित अभ्यास से आप पुराने से पुराने कमर दर्द से निजात पा सकते हैं। यह पेट की मालिश करते हुए पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। यह पेट और कमर की अतरिक्त चर्बी को भी कम करता है।
भुजंगासन
भुजंग का अर्थ होता है सांप, जिस तरह सांप का शरीर लचीला होता है उसी तरह यह आसन शरीर को लचीला और फुर्तीला बनाए रखने में सक्षम होता है। इसे करने से पेट की चर्बी कम होती है और रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है। इसके अलावा दमा, पुरानी खांसी या फेफड़ों संबंधी अन्य बीमारी में इस आसन को करने से आराम मिलता है। इससे बाजुओं में भी ताकत आती है।
विधि
इस आसन को करने के लिए जमीन पर सीधे लेट जाएं। चेहरा ठोड़ी पर टिकाएं कोहनियां कमर से चिपकाकर रखें और हथेलियों को ऊपर की ओर करके रखें। दोनों हाथों को कोहनी से मोड़ते हुए आगे लाएं और बाजुओं के नीचे रखें।
अब ठोड़ी को गर्दन के साथ चिपकाते हुए माथे को जमीन पर लगाएं नाक जमीन को छू रही हो। धीरे-धीरे सांस अंदर लेते हुए हथेलियों के बल सिर और शरीर का अगला भाग ऊपर की ओर उठाएं। सिर को जितना पीछे ले जा सकते हैं ले जाएं।
फायदा
भुजंग आसन के नियमित अभ्यास से कमर से संबंधित परेशानियां दूर होती हैं। इस आसन का अभ्यास पीठ और मेरूदंड के लिए भी लाभकारी होता है। इस आसन से छाती फैलती यानी चौड़ी होती है और श्वसन क्रिया पर इसका सकारात्मक प्रभाव होता है।