हेल्थ डेस्क: सिगरेट जो कि स्वास्थ्य के लिए बहुत ही बुरी मानी जाती है लेकिन आज के समय की युवा की बात करें तो सिगरेट उनके तनाव को करने का एक साधन है। उससे उसके दिमाग में मची हचलच कम होती है। आज के समय में अधिकतर युवा पीढ़ी इसकी गिरफ्त में आ चुकी है। लेकिन आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि भारत में स्मोकिंग करने वाले प्रत्येक 10 में से 7 लोग स्मोकिंग को सेहत के लिए खतरनाक समझते हैं, इनमें से 53 फीसदी लोग स्मोकिंग छोड़ने की कोशिशों में नाकाम रहे हैं। गैर सरकारी संस्था फाउन्डेशन फॉर स्मोक फ्री वर्ल्ड द्वारा जारी आंकड़ों में खुलासा हुआ है कि देश में स्मोकिंग करने वाले प्रत्येक 10 में से सात लोग स्मोकिंग को सेहत के लिए खतरा मानते हैं और 53 फीसदी लोग स्मोकिंग छोड़ने की कोशिशों में नाकाम साबित हुए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि स्मोकिंग करने वालों को ऐसे विकल्प और तरीके उपलब्ध कराने होंगे, ताकि वे लम्बा और सेहतमंद जीवन जी सकें।
क्या आपको यह बात पता है कि आपकी सिगरेट की एक कश आपके शरीर में कितना प्रभाव डालती है? नहीं पता तो चलिए हम आपको बताते है कि सिगरेट की एक कश लेने से आपके शरीर में कितने रासायनिक परिवर्तन होते है।
साइनस में रुकावट
आपको पता है कि आपके द्वारा ली गई सिगरेट की एक कश नाक, आंख और माथे में मौजूद खोखले साइनस में बाधा आने लगती है। जिसके कारण आपकी नाक हल्की सी बंद हो जाती है।
दिमाग में होते है परिवर्तन
आप ये अच्छी तरह से जानते है कि सिगरेट में निकोटिन की मात्रा अधिक होती है। जब आप इसका सेवन करते है तो निकोटिन आपके खून में मिल जाती है। जिसका असर दिमाग में बहुत ही बुरा पड़ता है। जिसके बाद हमारे दिमाग को आनंद का अहसास दिलाने वाले डोपोमीन रिलीज होता है।
कान में फ्लूइड का निकलना
अगर आप पहली बार सिगरेट पी रहे है, तो इसका फर्क आपके कान पर भी पड़ेगा। जी हां स्मोकिंग करने से कान की ग्रंथियों में लसलसा द्रवीय तरल जमा होने लगता है।
लंग्स में असर
यह तो हम अच्छी तरह से जानते है कि स्मोकिंग करने से सबसे ज्यादा असर हमारे फेफड़ों पर ही पड़ता है। हमारा फेफड़ा दिनभर में करीब 20 लाख लीटर हवा फिल्टर करते हैं, लेकिन अगर आपने सिगरेट का सेवन किया तो इससे आपकी फिल्टर में समस्या हो सकती है।
दिल की गति तेज
आमतौर पर हमारा दिल प्रति मिनट 72 बार धड़कता है, लेकिन जब आप सिगरेट पीते है तो धड़कने तेज हो जाती है। जो कि प्रति मिनट 75 बार धड़कने लगता है। जो कि इंसान के थकने का कारण बनता है।
पेट पर एसिड बनना
स्मोकिंग सिर्फ आपके लंग्स, दिल या कान में ही प्रभाव नहीं डालता है बल्कि इसके कारण आपके पेट में एसिड बन जाती है। जिससे आपकी पाचन क्रिया काफी हद कम हो जाती है।
स्मोकिंग के कारण हो जाती है कफ की शिकायत
आपको पता है कि हम जब लंबी नींद लेते है तो हमारे शरीर से हानिकारक तत्व जैसे कि धुंआ, टार और कार्बन मोनोऑक्साइ़ का मिश्रण बाहर निकलता है। कई बार आपने देखा होगा कि जो स्मोकिंग करते है उन्हें सुबह-सुबह कफ की समस्या हो जाती है।