हेल्थ डेस्क: पीरियड्स एक नेचुरल प्रक्रिया है। जो कि 11 से 50 साल की उम्र की हर महिला को इससे होकर हर माह गुजरना पड़ता है। महिला को पीरियड्स के इस चक्र से हर माह होकर गुजरना पड़ता है। यह महिला के शरीर के लिए बहुत ही जरुरी होता है, क्योंकि यही पीरियड्स का च्रक महिलाओं की प्रजनन प्रणाली को परिवर्तित करता है। जिसके बाद ही कोई महिला मां बनने लायक बनती है।
कई महिलाओं को पीरियड्स के समय हैवी फ्लो या असहनीय दर्द होता है। जिसमें वह बेड से उतर तक नहीं पाती है। खासकर ये दर्द पीठ और पेट के नीचले हिस्से में होता है। लेकिन कई बार होता है कि धार्मिक अनुष्ठान, मैरिज में कुछ घंटे या कुछ दिनों को पीरियड्स टालना बहुत ही जरुरी होता है।
कई महिलाओं को पीरियड्स के समय गुप्तांग के आसपास रैशेज होने की समस्या हो जाती है। जो कि दर्द भी अधिक होता है। रैशेज पड़ने से न तो ठीक से चल पाते है और न ही कई अन्य काम कर पाते है। रैशेज होने का मुख्य कारण घंटो सैनेटरी पैड पहनने के कारण पसीना नहीं सूख नहीं पाते है। जिसके कारण जर्म्स हैदा होता है। जो कि स्किन इंफेक्शन का कारण बनता है।
अगर आपको भी पीरियड्स के समय रैशेज हो जाते है, तो अपनाएं ये उपाय...
- पीरियड्स के समय सपाई का ध्यान औरों दिनों से ज्यादा रखना पड़ता है। जिससे कि किसी भी तरह के जर्म्स पैदा न हो।
- इन दिनों में सैनेटरी पैड जल्द से जल्द बदल दें। 6 घंटे से ज्यादा एक पैड का यूज न करें।
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