नई दिल्ली: सोयाबीन के फायदें तो अनेक है लेकिन यह दोगुना फायदा तब करता है जब आप इसका सेवन खाली पेट करते हैं। सोयाबीन की खासियत जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे। सोयाबीन प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसा का मुख्य स्रोत होता है। इसमें मौजूद इन पोषक तत्वों से होने वाले लाभ के बारे में बता रही हैं डाइटिशियन सोनिया नारंग।
शारीरिक विकास या फिर नाखून, बाल आदि नहीं बढ़ने पर सोयाबीन का सेवन करने से लाभ होता है। यह मिर्गी, याददाश्त बढ़ाने एवं दिमागी कमजोरी भी दूर करता है। यदि आपको रात में नींद नहीं आती, तो सोयाबीन खाएं। इसमें मौजूद मैग्नीशियम नींद आने में सहायता करता है।
सोया चंक्स, सोया मिल्क का सेवन करें। इसमें लेसीथिन पाया जाता है, जो लिवर के लिए फायदेमंद है। मधुमेह के रोगियों को इसके तेल से बनी चीजों का सेवन अत्यधिक लाभ देता है। वजन बढाने के लिए अंकुरित सोयाबीन का सेवन और गठिया रोग में सोयाबीन दूध पीना बेहद फायदेमंद है। वहीं, सोयाबीन की छाछ पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
सोयाबीन के फायदें
सोयाबीन में कुछ ऐसे तत्त्व पायें जाते है। जो कैंसर से बचाव का कार्य करते है। क्योकि इसमें कायटोकेमिकल्स पायें जाते है, खासकर फायटोएस्ट्रोजन और 950 प्रकार के हार्मोन्स। यह सब बहुत लाभदायक है। इन तत्त्वों के कारण स्तन कैंसर एवं एंडोमिट्रियोसिस जैसी बीमारियों से बचाव होता है। यह देखा गया है कि इन तत्त्वों के कारण कैंसर के टयूमर बढ़ते नही है और उनका आकार भी घट जाता है। सोयाबीन के उपयोग से कैंसर में 30 से 45 प्रतिशत की कमी देखी गई है।
अध्ययनों से पता चला है कि सोयायुक्त भोजन लेने से ब्रेस्ट (स्तन) कैंसर का खतरा कम हो जाता है। महिलाओं की सेहत के लिए सोयाबीन बेहद लाभदायक आहार है। ओमेगा 3 नामक वसा युक्त अम्ल महिलाओं में जन्म से पहले से ही उनमें स्तन कैंसर से बचाव करना आरम्भ कर देता है।
जो महिलायें गर्भावस्था तथा स्तनपान के समय ओमेगा 3 अम्ल की प्रचुरता युक्त भोजन करती है, उनकी संतानों कें स्तन कैंसर की आशंका कम होती है। ओमेगा-3 अखरोट, सोयाबीन व मछलियों में पाया जाता है। इससे दिल के रोग होने की आंशका में काफी कमी आती है। इसलिये महिलाओं को गर्भावस्था व स्तनपान कराते समय अखरोट और सोयाबीन का सेवन करते रहना चाहियें।
कैंसर के रोगी जो केमोथेरेपी, रेडिएशन कराते है उन पर उनके दुष्प्रभाव-असहनीय दर्द, खून बहना, खून की कमी , थकान, वजन घटना, जी मिचलाना, उल्टी, दस्त, कब्ज , भूख की कमी, कमजोरी , सिर के बाल गिरना, निराशा, रोग की असाध्यता से मानसिक रूप से पड़ते है। इसके सेवन से इन सब से बचा जा सकते है।