सिर्फ बड़ों को नहीं बल्कि बच्चों को भी सिरदर्द हो सकता है। आपको यह बात थोड़ी अजीब लग रही होगी कि आखिर बच्चों को किस कारण सिरदर्द हो सकता है। कई शोधों में यह बात सामने आई है कि स्कूल जाने वाले करीब 75 प्रतिशत बच्चों को कभी-कभी सिरदर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है। आपको बता दें कि बच्चों में सिरदर्द कई तरह से हो सकता है। जैसे माइग्रेन, कलस्टर सिरदर्द, पैरॉक्सिमल हेमिक्रानिया जोकि आंतरिक प्रक्रियाओं और अन्य ट्राइजेमिनल के कारण होता है या फिर किसी खतरनाक बीमारी के कारण सिरदर्द की समस्या हो।
कई बार बच्चों को सिरदर्द होता है लेकिन वह इस बात को आपके सामने बयां नहीं कर पाते है कि उन्हें ऐसी समस्या हो रही है। ऐसे में आप उनके कुछ अजीब बर्ताव के द्वारा उनकी समस्या को जान सकते हैं जैसे उनका हिंसक होना, चिड़चिड़ापन, अधिक गुस्सा आना आदि संकेत भी हो सकते है। आइए जानते है बच्चों को होने वाले सिरदर्द के प्रकार।
माइग्रेन
डब्लूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार बच्चों को सिरदर्द का एक कारण माइग्रेन भी हो सकता है। तेज सिरदर्द के कारण बच्चों का चिड़चिड़ापन होना, उल्टी होना, पेट में ऐंठन और आवाज या फिर रोशनी से परेशानी होना।
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स्ट्रेस के कारण सिरदर्द
बच्चों और किशोरों में इस कारण दर्द होना एक आम बात हो गई है। अधिक काम या किसी अन्य कारण अधिक थकान या स्ट्रेस हो डाता है। जिसके कारण सिर और गर्दन के टिशूज में नार्मल ब्लड सर्कुलेशन नहीं हो पाता है। जिसके कारण सिरदर्द की समस्या हो जाती है। अगर बच्चे को इस कारण सिरदर्द हो रहा है तो उसे माथे के दोनों तरफ दर्द, ब्लड प्रेशर हार्, बुखार या फिर सिर या गर्दन में किसी जगह दर्द होने की समस्या नजर आएगी।
क्लस्टर सिर दर्द
अगर किसी बच्चों को सिर दर्द एक सप्ताह में 5 या इससे अधिक बार होता है और प्रत्येक 15 मिनट से तीन घंटे तक चलता है तो समझ लें कि उसे ये समस्या है। इसमें आपको माथे में एकतरफ दर्द, नाक में दर्द या खूब आना, बात-बात पर गुस्सा या फिर आंखों से पानी आने की समस्या हो सकती है।
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अन्य कारण
- ऊपर दिए कारणों के अलावा मौसमी इंफेक्शन के कारण
- अधिक थकान या तनाव, अधिक पढ़ने या फिर टीवी, मोबाइल आदि देखने के कारण
- ट्यूमर
- ब्रेन में होने वाला इंफेक्शन
बच्चों को ऐसे दिलाएं सिरदर्द से छुटकारा
बच्चों या किशोरों को सिरदर्द की समस्या है तो उन्हें किसी भी तरह की दवाई देने से पहले डॉक्टर के पास ले जाए। क्योंकि बिना डॉक्टर की सलाह से दवा देना उसकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसके अलावा बच्चों को अच्छी नींद, अच्छा डाइट और अन्य गतिविधियों का ध्यान रखें। अगर बच्चें को किसी भी प्रकार की समस्या है तो उससे खुलकर बात करें जिससे उसे किसी भी तरह का स्ट्रेस न हो।