हेल्थ डेस्क: हरियाली तीज का व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती है। इसके साथ ही जिन लड़कियों की शादी में देरी हो रही हो वो भी इस ऴ्रत क रख सकती है। इस व्रत में मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है। यह त्योहार सावन में मनाया जाता है। यह त्योहार मुख्य रुप से उत्तराखंड, उतत्प प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और बिहार में बहुत ही जोरों-शोरो से मनाया जाता है।
हरियाली तीज 3 दिनों तक चलने वाला त्योहार है। जिसमें मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है। जिससे कि पति और बच्चे हेल्दी और खुश रहें।
इस दिन महिलाएं एक दुल्हन की तरह तैयार होती है। इस दिन महिलाएं लाल रंग के जोड़े के साथ हरी रंग की चूडियों के साथ मेंहदी लगाती है। इस दिन सासू मां की तरह से अपनी बहू को मेकअप, कपड़े, सिघाड़ा आदि देती है। (Hariyali Teej 2018: महिलाओं के लिए बेहद खास है हरियाली तीज, जानें शभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत कथा)
हरियाली तीज के पहले दिन तो 'दर खाने दिन' के नाम से जाना जाता है। इस लिए पति अपनी पत्नियों के लिए खाना बनाते है। दूसरे दिन से व्रत की शुरुआत होती है। जो कि तीसरे दिन जाकर समाप्त होती है।
हरियाली तीज में 'निर्जला व्रत' के रुप में जाना जाता है। अन्य व्रत में आप पानी या फिर फल खा सकते है। लेकिन इस व्रत में आप खाने के साथ-साथ पानी भी नहीं पी सकती है। जिसके कारण महिलाओं को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। (Hariyali Teej 2018: पहली बार रख रही हैं तीज का व्रत, तो इन बातों का रखें ख्याल)
पानी न पीने के कारण महिलाओं को कमजोरी महसूस होती है। इसके अलावा डीहाइड्रेशन, लो ब्लड प्रेशर, सिरदर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कई महिलाओं को माइग्रेन की समस्या का भी सामना करना पड़ता है।
गर्भवती महिलाएं ध्यान रखें ये बातें
- इन दिनों में उन महिलाओं को खुद का ज्यादा ध्यान रखना होगा। जो गर्भवती है। गर्भवती महिलाएं कभी भी भूखे प्यासे रहकर व्रत ना करें। निर्जला व्रत रखना मां और उसके होने वाले बच्चे दोनों के लिए घातक हो सकता है। व्रत के समय कुछ कुछ देर पर दूध, ताजा फलों का जूस आदि लेत रहें। नारियल पानी भी एक अच्छा विकल्प है। ये सभी आपको डिहाइड्रेशन से बचाएंगे।
- व्रत के दौरान गर्भ में भ्रूण की हलचल पर नजर रखें और समय-समय पर चिकित्सीय जांच कराती रहें।
- अगर किसी तरह की समस्या है, फिर तो यह बेहद अहम है कि आप अपने चिकित्सक की सलाह लें और वह जैसा कहें, वैसा ही करें. अगर चिकित्सक उपवास करने से मना नहीं करते हैं तब भी खानपान का ध्यान रखें, नियमित परामर्श जैसी सामान्य चीजों का ध्यान रखकर आप व्रत में रह सकती हैं। त्योहार का मजा उठाइए, पर सेहत को सर्वोपरि रखते हुए।
- आप खाली पेट चाय या कॉफी का सेवन न करें. यह गैस बना कर आपको परेशानी दे सकता है।
- व्रत तोड़ने के दौरान शुरू में एक गिलास जूस या नारियल पानी पीएं. इसके बाद कुछ हल्का खाना खाएं।