हेल्थ डेस्क: गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में महज 36 घंटे में हुई 30 बच्चों की मौंत ने पूरे देश को झकझोर दिया है। किसी को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर इतने बच्चों की मौत एक साथ कैसे हुई। यूपी के सीएम आदित्यनाथ योग ने आक्सीजन की कमी से बच्चों की हुई मौंत ने प्रशासन के इंतजाम पर सवाल खड़े कर दिए है।
आपको बता दें कि जान गंवाने वाले बच्चों में ज्यादातर बच्चे इन्सेफेलाइटिस से पीडित थे। जिन बच्चों को ये बीमारी थी उन्हें ऑक्सीजन की सख्त जरुरत थी।
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एक रिर्पोट के अनुसार हर साल कई बच्चों की मौंत इस बीमारी से होती है। जानिए आखिर क्या है ये बीमारी क्या है इसके लक्षण और बचने का उपाय। गोरखपुर पर कहर बन कर टूटा इन्सेफेलाइटिस का दूसरा नाम जपानी बुखार है। यह करीब 90 साल पुरानी जानलेवा बीमारी है, लेकिन अभी तक इसका एंटी वायरल ड्रग उपलब्ध नहीं है।
जानिए क्या है जापानी इन्सेफेलाइटिस
- यह एक दिमागी बुखार है। जो कि वायरल संक्रमण की वजह से फैलता है।
- यह मुख्य रुप से गंदगी में पनपता होता है। जो कि मच्छरों, सुअर के द्वारा फैलता है।
- जैसे ही यह हमारे शरीर के सपंर्क में आता है वैसे ही यह दिमाग की ओर चला जाता है।
- दिमाग में जाने के कारण व्यक्ति की सोचन, समझने, देखने की क्षमता खत्म हो जाती है।
- यह बीमारी ज्यादातर 1 से 14 साल के बच्चे एवं 65 वर्ष से ऊपर के लोग इसकी चपेट में आते हैं।
- इस बीमारी का सबसे ज्यादा प्रकोप अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में सबसे ज्यादा होता है।
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