नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शुक्रवार को कहा कि वायरल हेपेटाइटिस लिवर के सूजन से संक्रमित 10 फीसदी से कम लोगों को अपनी बीमारी के बारे में जानकारी है, जिससे उनके जीवन के लिए खतरनाक स्थिति पैदा हो जाती है।
डब्ल्यूएचओ की दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा, "दुनिया भर में लाखों लोग और दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में वायरल हेपेटाइटिस से संक्रमित हैं और उन्हें जानकारी नहीं है। संक्रमित 10 लोगों में करीब एक व्यक्ति को ही अपनी स्थिति की जानकारी है।"
डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा कि इसके अलावा दस फीसदी से कम लोगों को जिन्हें अपनी स्थिति की जानकारी है, उन्हें उचित उपचार मिल रहा है। जागरूकता और उचित इलाज की कमी इस इलाके में एक जैसी और यही हाल दुनिया भर में है।
सिंह ने कहा, "जागरूकता और उपचार की कमी के कारण लिवर की क्षति बढ़ती जाती है और यह जीवन के लिए खतरनाक हो जाता है इससे फ्राइब्रोसिस व लिवर कैंसर जैसी स्थितियां बन जाती है, जिसकी वजह से क्षेत्र में हर साल 410,000 मौतें होती हैं।"
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि यह भी वायरल हेपेटाइटिस को फैलाने में मददगार है। इस क्षेत्र में करीब 4 करोड़ लोगों को क्रोनिक हेपेटाइटिस बी है, जबकि करीब 1 करोड़ लोग क्रोनिक हेपेटाइटिस सी से ग्रसित है। लाखों वायरल हेपेटाइटिस से पीड़ित लोगों की जांच, इलाज व खोज के लिए तत्काल कार्रवाई की जरूरत है।(आंखो की इस बीमारी से निजात दिलाएंगा हल्दी से बना ये आई ड्राप, जानिए कैसे)
डब्ल्यूएचओ की क्षेत्रीय कार्य योजना के समयबद्ध लक्ष्यों के अनुसार, संक्रमित लोगों में से कम से कम 50 प्रतिशत लोगों को अपनी स्थिति की जानकारी होनी चाहिए और इस बीमारी की पहचान वाले करीब 75 फीसदी लोगों को 2020 तक इलाज मिलना चाहिए।(ऑफिस की कुर्सी पर बैठे-बैठे करें ये काम, फिर देखें कैसे गायब होगा चुटकियों में कमर दर्द)