हेल्थ डेस्क: भारत में कुपोषण के साथ-साथ मोटापा भी गंभीर समस्या बन सामने उभर रहा है। एक वैश्विक रिपोर्ट के मुताबिक देश में एनीमिया और मोटापा तेजी से बढ़ रहा है। जो कि एक गंभीर समस्या है। इस रिपोर्ट के अनुसार माना जा रहा है कि विश्वभर में करीब 2 अरब लोग इस समस्याओं का सामना कर रहे है।
इतने प्रतिशत महिलाएं मोटापे से ग्रस्त
इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत की आधी महिलाएं एनिमिया (खून की कमी) से जूझ रही हैं जबकि कम से कम 22 प्रतिशत वयस्क महिलाएं मोटापे की समस्या से ग्रस्त हैं।
‘वैश्विक पोषण रिपोर्ट 2017’ में भारत सहित 140 देशों में कुपोषण की स्थिति पर गौर किया गया। इसमें कहा गया कि इन देशों में कुपोषण के तीन महत्वपूर्ण रूप हैं जिनमें बच्चों में विकास की कमी, मां बनने की उम्र वाली महिलाओं में खून की कमी और अधिक वजन वाली वयस्क महिलाएं शामिल हैं।
इस उम्र के बच्चों की लंबाई कम
ताजा आंकड़ों के अनुसार, 5 वर्ष से कम के 38 प्रतिशत बच्चे विकासहीनता से प्रभावित हैं जिसमें बच्चों की लंबाई पोषक तत्वों की कमी के कारण अपनी उम्र से कम रह जाती है और इससे उनकी मानसिक क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
पांच वर्ष से कम के करीब 21 प्रतिशत बच्चे ऐसे विकार से ग्रस्त हैं जिसमें उनका वजन उनकी लंबाई के अनुपात से कम होता है।
इन लोगों पर पड़ रहा है स्वास्थ्य पर बुरा असर
मां बनने की उम्र वाली करीब 51 प्रतिशत महिलाएं खून की कमी से पीड़ित हैं। यह ऐसी समस्या है जिसमें दीर्घावधि में मां और बच्चे के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। रिपोर्ट के अनुसार, 22 प्रतिशत से अधिक वयस्क महिलाओं का वजन जरूरत से ज्यादा है।
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