मुंबई: फ्रूट जूस पीना किसे नहीं पसंद होता है और छोटे बच्चों को तो मम्मियां दूध पिलाने के लिए बीच-बीच में जूस पिला देती हैं, अगर आप भी ऐसा करती हैं तो रुक जाइए। क्योंकि डॉक्टर ने कहा है कि छोटे बच्चों खासकर छोटे बच्चों को। 2 साल से 18 साल के बच्चों को मौसमी फल खिलाने चाहिए जिससे उनकी सेहत दुरुस्त रहे। आइडियन अकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के न्यूट्रिशन चैप्टर के बनाए राष्ट्रीय सलाहकार समूह ने हाल ही में फास्ट एंड जंक फूड्स, शुगर स्वीट्स बेवरेजेस और एनर्जी ड्रिंक्स को लेकर ताजा दिशा निर्देश जारी किए हैं। उसमें कहा गया कि छोटे बच्चों को फ्रूट जूस ना दें बल्कि उन्हें ताजे फल काटकर दें। जूस चाहे फल का हो या डिब्बाबंद इसमें शुगर की मात्रा और कैलरी बहुत ज्यादा होती है। डॉक्टर्स ने यह भी कहा कि फल खाना दांत और मांसपेशियों के विकास में मदद करता है।
एक्सपर्ट्स ने कहा है अगर छोटे बच्चों को फ्रूट जस या फ्रूट ड्रिंग्स देना भी है तो उसकी मात्रा बहुत कम होनी चाहिए। साथ ही डॉक्टरों ने यह भी कहा कि जूस जिस फल का हो वो बिल्कुल ताजा हो। डॉक्टर्स ने यह भी कहा कि 5 साल से कम उम्र के बच्चों को चाय और कॉफी से भी दूर रखना चाहिए। किशोर बच्चों को भी अगर आप चाय कॉफी दे रहे हैं तो आधे से एक कप के बीच ही दे। लेकिन शर्त ये होनी चाहिए कि उन्हें कैफीन से जुड़ी कोई और चीज ना दी जाए।
आईएपी की गाइ़डलाइन के मुताबिक इन खाद्य पदार्थों और ड्रिंक्स का संबंध हाई बॉडी मास इंडेक्स से होता है जिससे बच्चों में दिल से संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा कैफीनयुक्त ड्रिंक्स पीने से नींद भी कम आती है। वहीं बच्चों को ये चीजें आकर्षित करती हैं। माता पिता वर्किंग होते हैं और वो बच्चों को प्रोसेस्ड फूड और ड्रिंक्स दे देते हैं। आकर्षक पैकिंग और टेस्ट की वजह से बच्चे काफी आकर्षित होते हैं। इन सब चीजों से बच्चों में दिल और ब्लड प्रेशर के साथ डेंटल हेल्थ संबंधी समस्याएं भी आ जाती हैं।
बेहतर यही होगा कि आप बच्चों को इन पैकेज्ड फूड और फ्रूट जूस से दूर रखें-
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