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'अस्टिेड रिप्रोडक्टिव टेक्निक' से 35 के उम्र में भी बन सकती हैं मां

महिलाएं करियर और सही साथी मिलने के इंतजार में मां बनने की योजना में देरी कर देती हैं। आप असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्निक (एआरटी) की मदद से अपनी सुविधा अनुसार मां बन सकती हैं। महिलाओं में 35 वर्ष के बाद प्रजनन क्षमता कम होने लगती है और 40 के बाद तेजी से कम होती है।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published : August 06, 2018 21:20 IST
pregnant
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हेल्थ डेस्क: महिलाएं करियर और सही साथी मिलने के इंतजार में मां बनने की योजना में देरी कर देती हैं। आप असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्निक (एआरटी) की मदद से अपनी सुविधा अनुसार मां बन सकती हैं। महिलाओं में 35 वर्ष के बाद प्रजनन क्षमता कम होने लगती है और 40 के बाद तेजी से कम होती है। हालांकि, चिकित्सा प्रौद्योगिकी के तेजी से विकसित होने के कारण महिलाएं अब भविष्य में इस्तेमाल करने के लिए अपने अंडे फ्रीज कर सकती हैं। अब महिलाएं 35 के बाद भी सफलतापूर्वक मां बन सकती हैं। एग फ्रीजिंग एसिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नालॉजी (एआरटी) के इस क्षेत्र में नवीनतम घटनाक्रम है।

एग फ्रीजिंग और एग डोनेशन :

इंदिरा आईवीएफ हास्पिटल की आईवीएफ एक्सपर्ट चिकित्सक आरिफा आदिल का कहना है कि एग फ्रीजिंग और एग डोनेशन ने मातृत्व सुख प्राप्त करने की संभावनाओं को कई गुना बढ़ा दिया है। एक महिला जब जन्म लेती है, तब उसके शरीर में पूरे फीमेल एग यानी अंडे होते हैं। जन्म से भी पहले जब वह अपनी मां के गर्भ में रहती है, तभी यह निर्धारित हो जाता है कि उसके अंडाशय में कितने अंडों का संचय रहेगा। कौमार्य प्रारंभ होने पर जब हार्मोनल गतिविधियां प्रारंभ होती हैं तब तक ये अंडे निष्क्रिय स्थिति में पड़े रहते हैं। प्रतिमाह अंडों का एक गुच्छा अंडोत्सर्ग की ओर अपनी यात्रा प्रारंभ करता है। 

कई महिलाओं को प्राकृतिक रूप से अथवा अन्य कारणों से कम अंडे बनते हैं। अंडों का निर्माण बढ़ाने के लिए एक सप्ताह या अधिक समय तक फर्टिलिटी ड्रग दी जाती है। अंडों के निर्माण पर अल्ट्रासाउंड स्कैन के द्वारा नजर रखी जाती है। इसके बाद एनेस्थेसिया देकर अंडों को सर्जरी के द्वारा निकाला जाता है। फिर इन्हें 196 डिग्री पर तरल नाइट्रोजन में डुबा कर फ्रीज किया जाता है। इस तरह से इन्हें सालों तक संभाला जा सकता है।

कब कराएं एग फ्रिजिंग :

कई महिलाओं का मानना है कि एग को कभी भी फ्रीज कराया जा सकता है। इसलिए वे 40 साल की उम्र तक इंतजार करती हैं। इसके बाद अंडे फ्रीज कराना चाहती हैं। लेकिन, इस समय तक बहुत देर हो चुकी होती है। महिलाओं को 25 से 37 की उम्र के बीच एग को फ्रीज करना सबसे बेहतर रहता है। इस उम्र में अंडों की गुणवत्ता श्रेष्ठ होती है।(शरीर के मुकाबले अगर आपका चेहरा दिखता है मोटा तो हो सकती है यह वजह)

डॉ. आरिफा आदिल के अनुसार जो महिलाएं एग फ्रीज करवाना चाहती हैं उन्हें देर नहीं करना चाहिए और 34 वर्ष से पहले किसी भी सूरत में अपने अंडों को फ्रीज करा लेना चाहिए।

कितने एग को फ्रीज कराएं :

आईवीएफ एक्सपर्ट डॉ. पूजा सिंह के अनुसार यह निजी निर्णय हो सकता है। वैसे लगभग 10 एग फ्रीज कराने की सलाह दी जाती है। एक सिंगल फ्रोजन एग के द्वारा जीवित बच्चे को जन्म देने की संभावना लगभग 2.12 प्रतिशत तक होती है। लेकिन दो से अधिक अंडे फ्रीज किए हुए हों तो उनके भ्रूण बनने की संभावना बढ़ जाती है। 

किन महिलाओं के लिए है उपयोगी : 

जो महिलाएं मां बनने से पहले अपने कुछ निश्चित लक्ष्य पूरे करना चाहती हैं। 

जिन्हें अभी तक कोई उचित जीवनसाथी नहीं मिला है। 

जिन महिलाओं को कैंसर है, क्योंकि इसके उपचार के लिए की जाने वाली कीमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी अंडों के लिए अत्यधिक घातक होती है। इसलिए युवा कैंसर के मरीज अपने एग्स को उपचार प्रारंभ होने के पहले फ्रीज करा सकते हैं। (कहीं भी चीजें रखकर भूल जाते है, तो करें ये छोटा सा काम)

ऐसी महिलाएं जिनके परिवार में अर्ली मेनोपॉज का पारिवारिक इतिहास रहा है, क्योंकि ऐसे में एग्स कम उम्र में ही तेजी से समाप्त होने लगते हैं।(ये नुकसान जान जाएंगे तो आज के बाद नहीं सोएंगे पेट के बल)

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