हेल्थ डेस्क: बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनाली बेंद्रे के बाद फेमस एक्ट्रेस और सोशल एक्टिविस्ट नफीसा अली को भी कैंसर हो गया है। उन्होंने खुद इंस्ट्राग्राम में अपनी और कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी के साथ एक फोटो शेयर करते हुए इस बात को कहा। उन्होंने बताया कि ओवेरियन कैंसर से पीड़ित है। जो कि थर्ड स्टेज पर है। उन्होंने बताया कि उनकी पुरानी दोस्त सोनिया गांधी ने उनके जल्दी ठीक होने की कामना की और गुड लक कहा है।
आपको बता दें कि पूरे विश्व के साथ भारतीयों में भी कैंसर रोग तेजी से बढ़ रहा है। इस रोग से महिलाएं भी अछूती नहीं है। महिलाओं में सबसे अधिक होने वाले कैंसरों में पहले पायदान पर ब्रेस्ट कैंसर, दूसरे पर सर्वाइकल कैंसर और तीसरे नंबर पर ओवेरियन यानी यूटेरस कैंसर आता है। जानकारी का अभाव इस समस्या की गंभीरता को और बढा देता है।
आंकड़ों के अनुसार भारत में तेजी ये ये कैंसर फैल रहा है। ओवेरियन कैंसर आठवां सबसे आम कैंसर है। जिसमें मृत्यु दर के मामले में इसका स्थान पांचवां है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अनुसार, एडवांस्ड स्टेज तक पहुंचने और जल्दी मृत्यु होने का मुख्य कारण यह है कि अंतिम समय तक कई महिलाओं में इस बीमारी के लक्षण प्रकट ही नहीं होते। जानिए क्या है ओवेरियन कैंसर, लक्षण और महिलाएं कैसे करें इससे बचाव। (नफीसा अली को तीसरे चरण का कैंसर का हुआ डायग्नोस, सोशल मीडिया पर शेयर की फोटो)
जानें क्या है नफीसा अली होने वाला ओवेरियन कैंसर?
डिंबग्रंथि कैंसर से तात्पर्य है अंडाशय में किसी भी तरह के कैंसर का विकास। डिंबग्रंथि का कैंसर अधिकांशत: अंडाशय की बाहरी परत से पैदा होता है। सबसे आम तरह के डिंबग्रंथि कैंसर को एपिथेलियल ओवेरियन कैंसर (ईओसी) कहा जाता है। इसके अन्य प्रकार हैं- ओवेरियन लो मैलिगनेंट पोटेंशियल ट्यूमर (ओएलएमपीटी), जर्म सेल ट्यूमर और सेक्स कॉर्ड-स्ट्रोमल ट्यूमर। (अगर नहीं पीते हैं गर्म पानी तो इसके फायदे जानकर आज से ही कर देंगे शुरू! )
आईएमए के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, "डिंबग्रंथि कैंसर अक्सर तब तक पता नहीं चलता, जब तक कि यह कमर और पेट के भीतर तक नहीं फैल जाता। अक्सर इस रोग के लक्षण न तो शुरू में प्रकट होते हैं और न ही अंत में। भूख और वजन की कमी इसके लक्षणों में शामिल है, लेकिन उससे रोग का पता तो हरगिज नहीं चल पाता। वंशानुगत ओवेरियन कैंसर बीआरसीए1 और बीआरसीए2 में उत्परिवर्तन अर्थात म्यूटेशन के कारण होता है।" (आंत के कैंसर में इन बातों का खास ख्याल रखने की है जरूरत, पढ़िए पूरी खबर )
उन्होंने कहा, "जब ये जीन सामान्य होते हैं, तब वे प्रोटीन बनाकर इस कैंसर को रोकने का काम करते हैं। लेकिन, माता-पिता में किसी एक से भी मिले जीन में उत्परिवर्तन से यह प्रोटीन कम असरकारक हो जाता है। इससे डिंबग्रंथि कैंसर बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है।" (सोनाली बेंद्रे को हुआ है मेटास्टैटिक कैंसर, जानिए इसके बारें में सबकुछ)
ओवेरियन कैंसर के है ये लक्षण
ओवेरियन कैंसर के शुरुआती लक्षणों में से कुछ हैं
- पैल्विस या कमर
- कम खाकर ही पेट भरा होने की फीलिंग
- बार बार मूत्र आना
- यौन क्रिया के दौरान दर्द
- मल त्याग की आदतों में बदलाव।
- शरीर के निचले हिस्से
- पेट और पीठ में दर्द
- अपच
जब ओवेरियन कैंसर बढ़ जाता है तब
- मितली
- वजन घटने
- सांस फूलने
- थकान
- भूख की कमी
ओवेरियन कैंसर का यह इलाज संभव
आईएमए अध्यक्ष ने कहा, "इस हालत का इलाज शल्य चिकित्सा, कीमोथेरेपी अथवा दोनों एक साथ और कभी-कभी रेडियोथेरेपी से होता है। इनमें से किस तरह की चिकित्सा दी जानी चाहिए, इसका निर्धारण डिंबग्रंथि कैंसर की अवस्था और ग्रेड तथा रोगी की सामान्य सेहत पर निर्भर करता है। गर्भनिरोधक गोलियां महिलाओं में ओवेरियन कैंसर के खतरे को कम करने में मदद कर सकती हैं और गोलियां बंद करने के 30 साल बाद भी उनकी बीमारी से रक्षा कर सकती हैं।"
ऐसे बचें महिलाएं ओवेरियन कैंसर से
स्तनपान
जब कोई महिला स्तनपान कराती है, तो उसको डिंबग्रंथि और फैलोपियन ट्यूब के कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
स्वस्थ जीवनशैली
फल व सब्जियों का अधिक सेवन, नियमित रूप से व्यायाम, धूम्रपान और शराब से दूरी अच्छी सेहत की निशानी है और कैंसर का खतरा भी कम रहता है।
गर्भावस्था
जिन महिलाओं को अधिक समय तक गर्भधारण रहता है, उन्हें भी डिंबग्रंथि और फैलोपियन ट्यूब कैंसर का कम जोखिम होता है।
सर्जरी
जिन महिलाओं को हिस्टरेक्टोमी या ट्यूबल लाइगेशन हो चुका हो, उनको भी इस कैंसर का खतरा कम ही होता है।