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वायरस बन सकता है फूड पॉइजनिंग का कारण, इन लक्षणों को बिल्कुल भी न करें इग्नोर

लंबे समय से जानते हैं कि कच्चे मांस, मुर्गी और अंडे भी रोगाणुओं का कारण बन सकते हैं। हाल के वर्षो में ताजे फल और सब्जियों के कारण खाद्य जनित बीमारियों का सबसे ज्यादा प्रकोप रहा है। जानें इस बीमारी से कैसे करें बचाव और क्या है इसका इलाज।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: January 13, 2019 13:16 IST
food poisoning- India TV Hindi
food poisoning

हेल्थ डेस्क: खाद्य जनित बीमारियां या फूड पॉइजनिंग आम तौर पर उन खाद्य पदार्थो को खाने से होती है, जो दूषित बैक्टीरिया या उनके विषाक्त पदार्थो से होती है। चिकित्सकों का कहना है कि वायरस और परजीवी भी फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकते हैं। हार्ट केयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, "लोग लंबे समय से जानते हैं कि कच्चे मांस, मुर्गी और अंडे भी रोगाणुओं का कारण बन सकते हैं। हाल के वर्षो में ताजे फल और सब्जियों के कारण खाद्य जनित बीमारियों का सबसे ज्यादा प्रकोप रहा है।"

उन्होंने कहा, "फलों और सब्जियों की पूरी तरह से धुलाई और उचित तरीके से खाना पकाने से, खाद्य विषाक्तता का कारण बनने वाले अधिकांश बैक्टीरिया समाप्त हो सकते हैं, लेकिन कुछ स्ट्रेन हैं, जो प्रतिरोधी के रूप में उभर रहे हैं।"

उन्होंने कहा, "इस प्रकार यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि स्रोत पर ही नुकसान को कम किया जाए। खाद्य जनित बीमारियां या फूड पॉइजनिंग आम तौर पर उन खाद्य पदार्थो को खाने से होती है, जो दूषित बैक्टीरिया या उनके विषाक्त पदार्थो से होते हैं। वायरस और परजीवी भी फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकते हैं।"

फूड पॉइजनिंग के लक्षण

फूड पॉइजनिंग के कुछ लक्षणों में पेट में दर्द, मतली, सिरदर्द, थकान, उल्टी, दस्त और निर्जलीकरण शामिल हैं। ये खराब भोजन लेने के बाद कई घंटों से लेकर कुछ दिन तक दिखाई दे सकते हैं। उदाहरण के लिए, साल्मोनेला बैक्टीरिया 4-7 दिनों के बाद, 12 घंटे से 3 दिन तक बीमारी का कारण बन सकता है।

फूड पॉइजनिंग का इलाज
डॉ. अग्रवाल ने बताया, "फूड पॉइजनिंग का इलाज करने का सबसे आम तरीका है कि आप बहुत सारे तरल पदार्थ पीएं। बीमारी आमतौर पर कुछ दिनों में कम हो जाती है। हालांकि, कुछ बुनियादी कदमों के साथ स्वच्छता बनाए रखना भी जरूरी है। सबसे महत्वपूर्ण है हाथ धोना। खुले में शौच से बचना चाहिए और उपभोग से पहले फलों और सब्जियों को साफ पानी से धोया जाना चाहिए।"

उन्होंने कहा हालांकि फूड प्वॉइजनिंग के लक्षण लगभग 48 घंटों में गायब हो जाते हैं, लेकिन फिर भी निम्न युक्तियां स्थिति से मुकाबला करने में मदद कर सकती हैं।

डॉ. अग्रवाल ने फूड पॉइजनिंग से बचने के लिए कुछ सुझाव देते हुए कहा, "अपने पेट को व्यवस्थित होने दें। कुछ घंटों के लिए खाना-पीना बंद कर दें। बर्फ के चिप्स चूसने या पानी के छोटे घूंट लेने की कोशिश करें। जब आप सामान्य रूप से मूत्र त्याग कर रहे होते हैं और आपका मूत्र स्पष्ट और डार्क नहीं होता है, तो इसका मतलब है कि शरीर पर्याप्त हाइड्रेटेड है।"

फूड पॉइजनिंग ठीक होने के बाद इन चीजों का करें सेवन
उन्होंने कहा, "धीरे-धीरे खाना शुरू करें। कम वसा वाले, आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थ, जैसे कि टोस्ट, केला और चावल खाना शुरू करें। अगर आपको फिर से मतली होने लगे तो खाना बंद कर दें। जब तक आप बेहतर महसूस नहीं करते, तब तक कुछ पेय और खाद्य पदार्थो से बचें। इनमें डेयरी उत्पाद, कैफीन, शराब, निकोटीन, और वसायुक्त या अत्यधिक तले हुए खाद्य पदार्थ शामिल हैं।"

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