हेल्थ डेस्क: कई लोगों की आदत होती है कि अगर उनके सामने कोई नई डिश रख दी जाती है तो वह खाने में काफी संकोच करते है या फिर डरते है। अगर आपके साथ भी कुछ ऐसा ही है तो आपको बता दें कि यह एक जानलेवा बीमारी साबित हो सकती है। यह बात एक शोध में निकल कर सामने आईं। इसे फूड नीओफोबिया नाम दिया गया है।
नए व्यंजन से संबंधित डर (फूड नीओफोबिया) किसी व्यक्ति का आहार और खुराक गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है और यह हृदय रोग एवं मधुमेह टाइप-2 जैसे जीवनशैली से जुड़े रोगों का जोखिम पैदा कर सकता है.
‘फूड नीओफोबिया’ क्या है?
‘फूड नीओफोबिया’ खानपान संबंधी एक ऐसा विकार है जिसमें व्यक्ति ऐसे व्यंजनों को चखने या खाने से इनकार करता है जिसके बारे में वो जानता नहीं है। फिनलैंड स्थित हेलसिंकी यूनिवर्सिटी और एस्टोनेशिया स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ टार्टू के अनुसंधानकर्ताओं ने आहार गुणवत्ता, जीवनशैली से संबंधित रोगों और उनके जोखिम कारकों पर खानपान संबंधी व्यवहार के स्वतंत्र प्रभाव की स्टडी की गई।
फिन्निश नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर हेल्थ एंड वेल्फेयर से मार्कुस पेरोला ने कहा कि अध्ययन से इस विचार को बल मिला कि विविध एवं स्वस्थ आहार व्यक्ति के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण, यहां तक कि एक स्वतंत्र भूमिका निभाता है। लगातार 7 साल चले अध्ययन कार्यक्रम में 25 से 74 वर्ष आयु वर्ग के लोगों को शामिल किया गया।
अध्ययन में निकल कर ये बात सामने
अध्ययन में पता चला कि ‘फूड नीओफोबिया’ 78 प्रतिशत मामलों में आनुवंशिक हो सकता है। यह हृदय रोग एवं मधुमेह टाइप-2 जैसे जीवनशैली से जुड़े रोगों का जोखिम पैदा कर सकता है। यह विकार बच्चों और बुजुर्गों में आम होता है।
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