वहीं, टूना, कोड, हेलिबट और मैकरेल जैसी मछलियां में भी कई और गुण पाए जाते है. लेकिन कई मछलियों में मरक्यूरी भी पाई जाती है जो याद रखने की क्षमता को कमज़ोर करती है, नर्व सेल्स को विषैली बनाती है और आंखों को कमज़ोर बनाती है. इससे बचने के लिए बच्चों को सैलमॉन, स्वॉर्डफिश, ऑरेंड रॉफी और टिलापिया जैसी मछलियां खिलाएं, क्योंकि इन मछलियों में मरक्यूरी की मात्रा ना के बराबर होती है.
यू.एस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन एंड एनवारमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी के सुझाव के अनुसार दो साल तक के बच्चों को हर हफ्ते 30 से 60 ग्राम तक की मात्रा में मछली खिलानी चाहिए. वहीं, इससे बड़े बच्चों में इसकी मात्रा इसी अनुसार बढ़ानी चाहिए.