हेल्थ डेस्क: एक नए शोध के अनुसार एंटीबायोटिक की कम मात्रा भी बैक्टीरिया में उच्च एंटीबायोटिक प्रतिरोध क्षमता पैदा कर सकती है। वैश्विक स्वास्थ्य क्षेत्र में यह एक प्रमुख समस्या बन रही है।
‘नेचर कम्युनिकेशन’ नामक पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने यह जांच की कि कैसे एंटीबायोटिक की कम मात्रा भी लंबे समय तक जमा रहने से बैक्टीरिया एंटीबायोटिक प्रतिरोध विकसित हो सकता है।
स्वीडन के उप्साला विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डैन एंडरसन ने कहा, ‘‘इसका परिणाम बेहद रोचक है क्योंकि इससे पता चला है कि वातावरण में मौजूद एंटीबायोटिक की बहुत कम मात्रा भी उच्च स्तर का प्रतिरोध पैदा कर सकती है और प्रतिरोध संबंधी समस्याओं के हल में मदद कर सकती है।’’
एंटीबायोटिक दवाइयां लेने के दौरान, एंटीबायोटिक की मात्रा का उच्च अनुपात अपरिवर्तित, सक्रिय रूप से मूत्र के माध्यम से बाहर निकल जाता है और फिर जल संसाधनों, झीलों और मिट्टी में फैल जाता है।
इस तरह से, वातावरण में भी एंटीबायोटिक की कुछ मात्रा मौजूद रह सकती है। शोध के मुताबिक एंटीबायोटिक बहुत कम मात्रा भी प्रतिरोध पैदा करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
दुनिया के कुछ हिस्सों में एंटीबायोटिक का इस्तेमाल मांस के उत्पादन में भी किया जाता है। एंटीबायोटिक जानवरों को दिया जाता है ताकि जानवरों का विकास जल्दी हो सके।