हेल्थ डेस्क: गर्भावस्था के दौरान गर्भवती के शरीर में अत्यधिक हार्मोनस परिवर्तन होते हैं। लेकिन कई बार महिलाओं की त्वचा अत्यधिक संवेदनशील हो जाती है। जिस के कारण उन्हें खुजली जैसी त्वचा संबंधी परेशानियां हो जाती है। आमतौर पर रक्त संचार बढ़ने या पेट की त्वचा की स्ट्रेचिंग की वजह से खुजली होती है। लेकिन जब यह बहुत अधिक हो तो यह होने वाले बच्चे के लिए खतरे का इशारा है। ये सुनने में भले ही सामान्य सी बात लगती हो पर पूरे शरीर में खुजली से गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को काफी परेशानी हो जाती है।
गर्भावस्था में खुजली की समस्या
गर्भावस्था में पेट फूलने के कारण मांसपेशियों में खिंचाव होता है, जिसे से कई महिलाओं को खुजली की समस्या हो जाती है। गर्भावस्था के दौरान कई महिलाओं के पूरे शरीर में खुजली रहती है यह गर्भावस्था के दौरान लिवर को किसी प्रोब्लम के कारण भी हो सकती है।डॉक्टरों का मानना है कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को पेट, हाथ और पैर के पंजों पर तेज खुजली होना उनके लिवर से संबंधित रोग की निशानी है।
इंट्रोहेप्टिक कोलेस्टासिस ऑफ प्रेग्नेंसी (आईसीपी) के लक्षण हो सकते हैं।
जिससे मां-बेटे की जान को खतरा है। आईसीपी की अवस्था में लिवर की केमिकल को प्रवाहित करने की क्षमता खत्म हो जाती है जिससे बाइल एसिड नसों को प्रभावित करता है। और त्वचा पर तेज खुजली होती है। अक्सर यह रोग गर्भावस्था के छठे सप्ताह से शुरू होता है। इस दौरान पेशाब का रंग गहरा पीला हो जाता है।