मांसपेशियों का व्यायाम करिए
मतलब डोले बढ़ाने से नहीं है। कूल्हे मजबूत रहेंगे तो लिंग में सख्ती लाने में मदद मिलती है और रक्त प्रवाह उसी ओर बना रहता है। एक ब्रिटिश परीक्षण के दौरान तीन महीने की रोजाना कमर एवं कुल्हों की एक्सरसाइज के साथ बायोफीडबैक और जीवनशैली में परिवर्तनों जैसे धूम्रपान छोड़ना, वजन कम रखना, शराब का सेवन सीमित करना आदि से बहुत अच्छे नतीजे मिलते हैं।
सही आहार लें
मैसाच्युसेट्स मेल एजिंग स्टडी के अनुसार, प्राकृतिक आहार जैसे फल, सब्जियों, अनाज और मछली जैसे पौष्टिक आहार और कुछ मात्रा में रेड मीट एवं रिफाइंड ग्रेंस से इस जोखिम को कम किया जा सकता है। विटामिन बी12 और विटामिन डी की भारी कमी से भी यह समस्या पैदा हो जाती है। रोजाना मल्टीविटामिन और फोर्टिफाइड फूड से प्रौढ़ों में भी यह समस्या दूर हो जाती है।