हेल्थ डेस्क: कहा जाता है कि कई ऐसी फिल्में होती है जो कि आम बीमारी या फिर इंसानों में बनाई जाती है। ऐसी ही एक फिल्म है आयुष्मान खुराना और भूमि पेडनेकर की फिल्म 'शुभ मंगल सावधान'। इस फिल्म में इस बीमारी के मुद्दे को लेकर ही बनाया गया है। इसी तरह असल जिंदगी में भी कई लोगों को इस समस्या का सामना करना पड़ता है। जिसका कोई समाधान नहीं होता है। एक अध्ययन के अनुसार 40 से 70 साल के आयु वर्ग में करीब 60 प्रतिशत पुरुषों में कुछ हद तक यह समस्या पाई जाती है।
ये है कारण
ऐसा कई कारणों से हो सकता है। कभी कभार तो किसी दवा के दुष्प्रभाव से भी ऐसा हो सकता है। इसके अलावा कई तरह की बीमारियों जैसे वस्क्यूलर, न्यूरोलॉजिकल बीमारियों, मधुमेह या प्रोस्टेट संबंधी उपचार या सर्जरी से यह समस्या पैदा हो सकती है। तकरीबन 75 प्रतिशत मर्दो में यह जटिल कारणों से होता है।
इसके अलावा कई तरह की बीमारियों जैसे वस्क्यूलर, न्यूरोलॉजिकल बीमारियों, मधुमेह या प्रोस्टेट संबंधी उपचार या सर्जरी से यह समस्या पैदा हो सकती है। तकरीबन 75 प्रतिशत मर्दो में यह जटिल कारणों से होता है। एक अध्ययन के अनुसार 40 से 70 साल के आयु वर्ग में करीब 60 प्रतिशत पुरुषों में कुछ हद तक यह समस्या पाई जाती है।
अगर आप इस समय इस समस्या से ग्रस्त हैं या फिर इस स्थिति से बचना चाहते हैं तो अल्फा एक एंडरोलॉजी समूह के निदेशक एवं यौन चिकित्सक डॉ. अनूप धीर के सुझाए पांच उपायों को अपनाएं।
नियमित रूप से घूमना शुरू करें
हार्वर्ड के एक अध्ययन के मुताबिक रोजाना 30 मिनट की वॉक से इरेक्टाइल डिसफंक्शन का जोखिम 41 प्रतिशत कम हो जाता है। औसत व्यायाम करने से भी मोटापे के शिकार मर्दो में यह समस्या कम हो जाती है।
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